कासरगोड संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत दिलाने वाले संत केशवानंद भारती का रविवार को केरल में निधन हो गया। पुलिस ने बताया कि केरल निवासी संत केशवानंद भारती श्रीपदगवरु का इडनीर मठ में उम्र संबंधी बीमारियों की वजह से 79 साल की उम्र में निधन हो गया। पुलिस ने बताया कि मिली सूचना के मुताबिक, रविवार तड़के करीब तीन बजकर 30 मिनट पर उनका निधन हुआ। 47 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने ‘केशवानंद भारती बनाम केरल’ मामले में एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाया था जिसके अनुसार, संविधान की प्रस्तावना के मूल ढांचे को बदला नहीं जा सकता। दरअसल भारती ने केरल भूमि सुधार कानून को चुनौती दी थी जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत दिया था।
68 दिन तक चली थी सुनवाई
यह फैसला शीर्ष अदालत की अब तक सबसे बड़ी पीठ ने दिया था जिसमें 13 न्यायधीश शामिल थे। केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले पर 68 दिन तक सुनवाई हुई थी और अब तक सुप्रीम कोर्ट में सबसे अधिक समय तक किसी मुकदमे पर चली सुनवाई के मामले में यह शीर्ष पर है। इस मामले की सुनवाई 31 अक्टूबर 1972 को शुरू हुई और 23 मार्च 1973 को सुनवाई पूरी हुई।
‘संविधान के मूल ढांचे में संशोधन नहीं किया जा सकता’
भारतीय संवैधानिक कानून में इस मामले की सबसे अधिक चर्चा होती है। मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के चंद्रू से इस मामले के महत्व के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘केशवानंद भारती मामले का महत्व इसपर आए फैसले की वजह से है जिसके मुताबिक संविधान में संशोधन किया जा सकता है लेकिन इसके मूल ढांचे में नहीं।’
केरल भूमि सुधार कानून को चुनौती देने वाले केशवानंद भारती का 79 साल की उम्र में निधन
BHAWANA GABA