लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के हो रहे विरोध को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद कमान संभाल ली है। पिछले तीन दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अलग-अलग जगह जाकर गुपचुप तरीके से भाजपा नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं।
साथ ही चुनाव में नए चेहरों को प्रत्याशी घोषित करने के कारण पार्टी में अंदरूनी कलह से निपटने के लिए मनोहर लाल खट्टर लगातार दौरा कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई आपसी फूट नहीं है। छोटी-छोटी बातें हर परिवार में हो जाती है, इसलिए वह पिछले तीन दिनों से लगातार बैठक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका मकसद प्रदेश की 10 की 10 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य रखा गया है और भाजपा का 400 पर का नारा तभी सफल हो पाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर देर रात तक भाजपा नेताओं के साथ बैठक कर रहे थे। आज जो भाजपा के पुराने प्रदेश कार्यालय में पहुंचे। उन्होंने कहा कि 6 मई तक भाजपा प्रत्याशी के नामांकन का सिलसिला पूरा हो जाएगा और 40 जनसभाओं की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि 25 अप्रैल तक फसल कटाई में लोग व्यस्त रहेंगे। उसके बाद से चुनाव प्रचार को तेज कर दिया जाएगा और केंद्रीय मंत्रियों की भी सूची बनाई जा रही है, ताकि वह चुनाव प्रचार कर सकें। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं, जबकि उन्हें पता है कि भाजपा में उन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा। इसके बावजूद भी वह भाजपा में शामिल इसलिए हो रहे हैं ताकि वह कांग्रेस में चुनाव लड़ने से बच सकें। उन्हें पता है कि कांग्रेस में अब नेताओं का भविष्य नहीं रहा। मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस के मेनिफेस्टो को महज कागजी कार्रवाई बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं, इसलिए उनका मेनिफेस्टो महज कागजों में सिमट कर रह गया है, जिसका कोई आधार नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आपसी फूट है, जिसके कारण कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पा रहे हैं।