नेट हाउस में खीरे की खेती से लाखों की कमाई
हरियाणा के प्रगतिशील किसान आजकल नेट हाउस तकनीक से बहुत अच्छी इनकम कर रहे हैं। इस तकनीक से किसानों को न केवल अच्छी उपज मिलती है, बल्कि खेती के खर्चों में भी कमी आती है। लक्ष्मी नारायण जी, एक ऐसे किसान हैं जिन्होंने तीन एकड़ क्षेत्र में नेट हाउस लगाकर खीरे की खेती की है और अब इस खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
खर्च और मुनाफा
लक्ष्मी नारायण जी बताते हैं कि एक एकड़ में नेट हाउस लगाने के बाद वे साल में दो फसलें उगाते हैं। एक फसल की अवधि लगभग तीन महीने होती है। खीरे की फसल में एक एकड़ से 150 से 250 क्विंटल खीरे की पैदावार होती है, जिससे 6 से 7 लाख रुपए तक की आय होती है। हालांकि, खेती में आने वाले खर्चों में बीज, लेबर, दवाइयां आदि शामिल होते हैं, जिनका कुल खर्च करीब 4 लाख रुपए होता है। इस तरह से 4 से 5 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा हो जाता है, जो कि एक अच्छी कमाई है।
नेट हाउस की उपयोगिता
नेट हाउस की खेती में बीमारियां कम होती हैं, जिससे फसल का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। इसके अलावा, नेट हाउस में तापमान नियंत्रित रहता है, जिससे फसल को अधिक तापमान या सर्दी से नुकसान नहीं होता। यहाँ तक कि ओले या तूफान भी फसल को नुकसान नहीं पहुँचाते। यह तकनीक किसान को प्राकृतिक आपदाओं से बचाती है और फसल की गुणवत्ता बनाए रखती है।
सर्दी और गर्मी में खीरे की कीमतों में फर्क
सर्दी में खीरे की कीमत ज्यादा होती है, जबकि गर्मी में इसकी कीमत थोड़ी घट जाती है। लक्ष्मी नारायण जी ने बताया कि सर्दी में खीरे की कीमत ₹40 से ₹45 तक हो सकती है, जबकि गर्मी में ₹20 से ₹25 के आसपास रहती है। इसके अलावा, खीरे की यह किस्म ‘फड़िया’ है, जो पानी की मात्रा में समृद्ध होती है और छिलने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे इसका उपभोक्ताओं में मांग भी अधिक है।
नेट हाउस की लागत और सब्सिडी
नेट हाउस लगाने की लागत लगभग 8-9 लाख रुपए होती है, लेकिन सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के बाद यह खर्च कुछ कम हो जाता है। नेट हाउस के लिए कंपनी द्वारा 5 साल की गारंटी दी जाती है, जिससे इसकी लंबी उम्र और स्थायित्व पर भरोसा किया जा सकता है।
खेती में निवेश और सरकारी नौकरी से बेहतर आय
लक्ष्मी नारायण जी का मानना है कि अगर एक किसान साल में दो फसलें लेता है, तो वह आराम से ₹10 लाख तक की कमाई कर सकता है। यह एक सरकारी नौकरी से भी बेहतर आय हो सकती है, खासकर उन युवाओं के लिए जो पढ़ाई में तो अच्छे हैं, लेकिन नौकरी की तलाश में हैं।
शिमला मिर्च की खेती का विस्तार
लक्ष्मी नारायण जी ने खीरे के अलावा शिमला मिर्च की खेती भी शुरू की है, जिससे उनकी आय और भी बढ़ सकती है। यह नेट हाउस खेती का एक और उदाहरण है, जो किसानों को विविधता प्रदान करता है और मुनाफा बढ़ाने में मदद करता है।
इस तरह से, हरियाणा में नेट हाउस की खेती किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो रही है, जो उन्हें अच्छी आय और प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान कर रही है।