खुइयाँ मलकाना से झुटीखेड़ा मलिकपुरा रामगढ़ गोरीवाला मे फैली खेतों में चीता आने की अफवाह, जाने पूरा सच

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खुइयाँ मलकाना से झुटीखेड़ा मलिकपुरा रामगढ़ गोरीवाला मे फैली खेतों में चीता आने की अफवाह, जाने पूरा सच

 

खेतों में जंगली जानवर की अफवाह से फैली दहशत

ग्रामीणों में चिंता का माहौल डबवाली इलाके के खेतों में एक जंगली जानवर की मौजूदगी की खबर ने किसानों में डर और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। इस अफवाह के चलते कई किसानों ने रात के समय खेतों में जाना बंद कर दिया है। लगातार गुरुद्वारों और अन्य संचार माध्यमों से लोगों को सतर्क किया जा रहा है।

फैक्ट चेक: क्या यह सच है या सिर्फ अफवाह? जब इस मामले की पड़ताल की गई, तो यह महज एक अफवाह साबित हुई। वन्यजीव विभाग की टीमें इस खबर की पुष्टि करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। हालांकि, कुछ लोगों का दावा है कि खेतों में तेंदुआ या चीता जैसे जानवर देखे गए हैं, जिससे इलाके में डर का माहौल बन गया है।

वन्यजीव विभाग की जांच और निष्कर्ष वन्यजीव विभाग के निरीक्षकों रामकेश और रिषपाल सिंह ने मौके पर पहुंचकर खेतों में मौजूद पंजों के निशानों की जांच की। उनके अनुसार, यह किसी जंगली बिल्ली के निशान हो सकते हैं, न कि किसी हिंसक जानवर के। यदि कोई बड़ा जानवर इस क्षेत्र में होता, तो वहां अन्य जीवों के अवशेष जरूर मिलते, जो अब तक नहीं मिले हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की सच्चाई सोशल मीडिया पर इस विषय से संबंधित एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह उसी क्षेत्र का है, जहां जंगली जानवर देखा गया। लेकिन जांच में यह पता चला कि यह वीडियो एक महीने पुराना है और किसी अन्य जिले का है। वन्यजीव विभाग ने इस वीडियो की भी पड़ताल की है और इसे भ्रामक बताया है।

लोगों से सतर्क रहने की अपील वन्यजीव निरीक्षक और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और बिना पुष्टि किए किसी भी खबर को न फैलाएं। अनावश्यक दहशत न फैलाने की सलाह दी गई है ताकि ग्रामीण बिना भय के अपने कार्य कर सकें।

क्या यह अफवाह चोरों की साजिश है? कुछ लोगों का मानना है कि यह अफवाह चोरों द्वारा फैलाई गई हो सकती है ताकि लोग खेतों में न जाएं और वे आसानी से चोरी कर सकें। हालांकि, अभी तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है।

निष्कर्ष इस पूरे मामले की सच्चाई यही है कि खेतों में किसी जंगली हिंसक जानवर के होने के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं। इसलिए ग्रामीणों से अपील है कि वे सतर्क रहें लेकिन बिना किसी प्रमाण के डर का माहौल न बनने दें। वन्यजीव विभाग लगातार इस मामले की निगरानी कर रहा है और यदि कोई ठोस जानकारी मिलती है तो उचित कदम उठाए जाएंगे।