किसान संगठनों का एक पक्ष विरोध में धरना दे रहा तो एक पक्ष ने समर्थन में निकाली ट्रैक्टर रैली

Bhawana Gaba

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कृषि से जुड़े तीन अध्यादेशों पर किसान दो फाड़ हो गए हैं। किसान संगठनों का एक धड़ा जहां इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहा है तो एक धड़ा इसके पक्ष में आ गया है। इसी कड़ी में बुधवार को कुछ किसानों ने पानीपत में ट्रैक्टर रैली निकालकर सरकार के इन अध्यादेशों का समर्थन किया। उन्होंने समर्थन में जिला उपायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा। वहीं पानीपत लघु सचिवालय के सामने किसान संगठनों का एक धड़ा इन अध्यादेश के विरोध में प्रदर्शन भी करता रहा। किसान उत्पादन संघ, प्रगतिशील किसान संगठन और सहकारी किसान संगठन के नाम से जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने वाले किसान सुबह 11 बजे पानीपत की नई अनाज मंडी में इकट्ठा हुआ। वे यहां से करीब 50 से ज्यादा ट्रैक्टरों के साथ शहर में से होते हुए पानीपत के लघु सचिवालय पहुंचे। सचिवालय के बाहर जीटी रोड पर पहले से पुलिस तैनात थी। पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखते हुए एक-एक करके ट्रैक्टरों को पानीपत फ्लाईओवर के नीचे लगवाया और किसानों को वहीं इकट्ठा कर लिया। ये किसान अध्यादेश के समर्थन में ज्ञापन देने आए थे। उनका कहना था कि इन अध्यादेशों से किसानों को आर्थिक आजादी मिलेगी। इससे किसान चाहे स्थानीय मंडी में फसल बेचे या बाहर बेचे। अब वह स्वतंत्र है। अब किसान उत्पादक संघ बनाकर सामान बेच सकते हैं। इससे किसान की खुशहाली का रास्ता खुलेगा। उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया है।

विपक्ष में बैठे किसान बता रहे किसान विरोधी अध्यादेश
वहीं पानीपत समेत प्रदेशभर में मुख्यालयों पर किसान संगठन इन अध्यादेश के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। वे इन्हें किसान विरोधी बता रहे हैं। उनकी मांग थी कि सरकार पहले इस संसद सत्र में इन तीनों अध्यादेश को बाहर करे, इसके बाद ही सरकार से कोई बातचीत होगी। सरकार ने इससे इनकार कर दिया, ऐसे में किसान संगठनों ने सरकार से बातचीत नहीं कि और वे अब भी विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। इनकी अगुवाई भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी कर रहे हैं।