किसानों का समर्थन:पत्थरों के शहर चंडीगढ़ में किसानाें का साथ देने सेक्टर-17 के प्लाजा में पहुंचे युवा स्टूडेंट

Rajni Bishnoi Rajni Bishnoi

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युवाओं का कहना किसानों के हक को सरकार दबा सकती नहीं

शहर में आज किसानों के हक में पेंडु संघर्ष कमेटी चंडीगढ़ की ओर से रोष प्रदर्शन किया गया। इस मौके काफी संख्या में लोगों ने अपने विचारों को व्यक्त किया। आसपास के गांवों से आए लोगों का कहना था कि कई गांवों को उजाड़ कर बनाए गए चंडीगढ़ में अब उनकी बोली को भी खत्म करने की साजिश केंद्र सरकार कर रही है। यहां के लोगों ने कहा कि वे किसानों के हक में आवाज बुलंद करने के लिए 16 तारीख को दिल्ली जाऐंगे।

पत्थरों के शहर से उठी आवाज

चंडीगढ़ को पत्थरों का शहर कहा जाता है। लेकिन इस पत्थरों के शहर के युवा लोग अब किसानों की आवाज को बुलंद करने के लिए आगे आ रहे है। आज सेक्टर-17 के दिल प्लाजा में काफी संख्या में युवा स्टूडेंट अपने हाथों में बैनर लेकर पहुंचे। उनका कहना था कि वे अपना समर्थन किसानों को देने के लिए पहुंचे है। इस युवाओं में एकम जोत, गुरलीन कौर ,हरमनदीप कौर सहित कई युवाओं ने कहा कि जब किसी को अपनी आवाज के लिए संघर्ष करना पड़े तो वह कहीं भी जाकर अपना हक मांग सकता है।

पटरियों से उठा आंदोलन आज दिल्ली में

आज पेंडू संघर्ष कमेटी चंडीगढ़ में आज लोगों ने किया कि पटरियों से शुरू हुआ किसान आंदोलन अब दिल्ली तख्त के पास जा पहुंचा है। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में पंजाब के लोगों ने अपनी जान हथेली पर रख कर दुश्मनों का मुंह तोड़ा है अब उन्हीं लोगों को आतंकवादी, दहशत फैलाने वाले और कई नामों से पुकारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए लिए हर चाल चल रही है लेकिन यह देश के किसानों की एकता है कि पिछले 19 दिनों से लगातार अपनी मांगों को लेकर ठंडी रातों में डटे हुए है। वक्ताओं ने कहा कृषि बिल डेथ वारंट से कम नहीं

 डेथ वारंट से कम नहीं कृषि बिल

पेंडु संघर्ष कमेटी के गुरप्रीत सिंह सोमल सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि किसानों के सामने ये तीन कृषि बिल डेथ वारंट से कम नहीं है। इन कानूनों को अभी किसानों के हित में बताया जा रहा है लेकिन जब इस पर अमल किया जाएगा तो किसानों का सबसे ज्यादा मुनाफा बड़ी-बड़ी कंपनियां ले जाएगी और किसानों को कुछ नहीं मिलेगा।