कृषि कानूनों के विरोध में किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।
कृषि बिलों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 33वां दिन है। किसानों ने बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला लेते हुए शनिवार को सरकार को चिट्ठी लिखी थी। किसानों ने मंगलवार 11 बजे मीटिंग करने का वक्त दिया था। उन्होंने 4 शर्तें भी रखीं। किसानों की चिट्ठी पर सरकार आज जवाब दे सकती है।
किसानों की 4 शर्तें
1. तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संभावनाओं पर बातचीत हो।
2. मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) की कानूनी गारंटी बातचीत के एजेंडे में रहे।
3. कमीशन फॉर द एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ऑर्डिनेंस के तहत सजा के प्रोविजन किसानों पर लागू नहीं हों। ऑर्डिनेंस में संशोधन कर नोटिफाई किया जाए।
4. इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल में बदलाव का मुद्दा भी बातचीत के एजेंडे में शामिल होना चाहिए।
केजरीवाल दूसरी बार सिंघु बॉर्डर पहुंचे
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार शाम सिंघु बॉर्डर पहुंचकर किसानों से मुलाकात की। वे एक महीने में दूसरी बार सिंघु बॉर्डर पहुंचे। उनके साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी थे। किसानों से मिलकर केजरीवाल ने कहा, “केंद्र सरकार को किसानों के साथ ओपन डिबेट करने चुनौती देता हूं। इससे साफ हो जाएगा कि ये कानून कैसे नुकसान पहुंचाएंगे।”
किसानों ने मोदी के मन की बात के समय थाली बजाई
किसान एक बार फिर से बातचीत करने को भले ही तैयार हो गए, लेकिन सरकार का विरोध भी तेज कर दिया है। उन्होंने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात प्रोग्राम का थाली बजाकर बायकॉट किया। इस दौरान किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी जूते से थाली बजाते नजर आए। इसे लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने आपत्ति भी जताई। कहा कि जिस थाली में खाते हैं, उसे जूते से पीटना शोभा नहीं देता।
पंजाब के वकील ने सुसाइड किया
आंदोलन में शामिल सीनियर एडवोकेट अमरजीत सिंह राय ने रविवार को आत्महत्या कर ली। वे पंजाब के फाजिल्का जिले के जलालाबाद के थे। उन्होंने टिकरी बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन से 5 किलोमीटर दूर जाकर जहर खा लिया। उनके पास सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें उन्होंने पीएम मोदी को तानाशाह बताया। वे आंदोलन में सुसाइड करने वाले दूसरे किसान हैं। आंदोलन में अलग-अलग वजहों से अब तक 26 किसानों की जान जा चुकी है।