राजधानी दिल्ली में यमुना नदी में सफेद झाग आने का क्या कारण है, जानिए ?

Parmod Kumar

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राजधानी दिल्ली में यमुना नदी की पिछले तीन दिनों से जो तस्वीरें आ रही हैं, उसने दिल्ली की सियासत तो गर्म कर ही दिया है, दुनिया भर में भारत की छवि भी खराब हो रही है। एक तरफ देश ने लगातार तीसरे साल क्लाइमेट परफॉर्मेंस इंडेक्स में टॉप 10 में जगह (चीन 37, अमेरिका 55 पर है और पहले तीन स्थान खाली रखे गए हैं। पहला स्थान डेनमार्क को मिला है) बनाई है और दूसरी तरफ देश की राजधानी के बीच से गुजर रही सदियों से पवित्र मानी जाने वाली यमुना नदी से इतनी भयानक तस्वीरें सामने आ रही हैं। सबसे शर्मनाक स्थिति तो ये है कि खतरनाक केमिकल से भरे इस पानी में भी आस्था के महापर्व छठ पर छठव्रतियों को डुबकी लगानी पड़ रही है। आइए इस समस्या का वैज्ञानिक कारण जानते हैं, जिसके लिए वन इंडिया ने देश के बड़े पर्यावरणविद से एक्सक्लूसिव बातचीत की है।
दिल्ली में छठ पूजा की वजह से यमुना नदी के पानी से सफेद झाग की तस्वीरों ने सरकारों की पोल खोलकर रख दी है। साफ नजर आ रहा है कि यमुना की सफाई के नाम पर हुक्कमरानों ने कैसे सिर्फ गाल बजाकर ही अपना पल्ला झारने की कोशिश की है। एक्सपर्ट का कहना है कि शहर के बिना ट्रीट किए हुए सीवेज समेत उद्योगों से जो जहरीला कचरा नदी में छोड़ा जा रहा है, उसी से यह झाग बन रही है। वन इंडिया ने इस झाग के बारे में देश के बड़े पर्यावरणविद डॉक्टर अनिल जोशी से खास बात की है। उनका कहना है कि “ये केमिकल वेस्ट है, जो फैक्ट्री से आ रहा है….जब गाढ़ा हो जाता है तो झाग बन जाते हैं। इसमें ज्यादा केमिकल होते हैं…यही चीज आपको मथुरा में मिलेगी…यही चीज कानपुर में मिलेगी।” उन्होंने आगे कहा कि “ये कई तरह के जो केमिकल वेस्ट आ रहे हैं, विभिन्न स्रोतों से फैक्ट्री से…….घर का कचरा भी इसमें शामिल है…..साबुन इस्तेमाल होता है घरों में वो भी मिक्स हो जाता है…..दिल्ली में इसलिए ज्यादा होता है, क्योंकि यहां ज्यादा लोग रहते हैं

यमुना में कैसे बनता है झाग ?

एक्सपर्ट के मुताबिक यमुना नदी के पानी में जो झाग बन रहा है उसके पीछे इंडस्ट्री से केमिकल के रूप में निकला फॉस्फेट है। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वॉयरमेंट में वॉटर प्रोग्राम में सीनियर प्रोग्राम मैनेजर सुष्मिता सेनगुप्ता का कहना है कि सर्फेकेंट्स और फॉस्फेट घरों से डिटरजेंट के रूप में और उद्योगों की लॉन्ड्री से निकलकर नदी के पानी में मिल जाता है, क्योंकि सारा का सारा सीवेज का ट्रीटमेंट तो नहीं होता है। इस मौसम में ज्यादा झाग बनने की वजह ये है कि नदी में पानी का बहाव काफी कम रहता है। इसकी वजह से पॉल्युटेंट पानी में पूरी तरह से घुल नहीं पाता है। दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी के मुताबिक ओखला बैराज के पास पानी गिरने से जो हलचल पैदा होती है, उससे फॉस्फेट से झाग बनने लगता है। सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड ने पिछले साल जो रिपोर्ट दी थी उसके मुताबिक दिल्ली में दो जगह झाग पैदा होते हैं- आईटीओ के पास और ओखला बैराज के नजदीक। ओखला बैराज में जो पानी गिरता है उसकी वजह से गंदे पानी में मिला सर्फेकेंट्स और झाग पैदा करने वाले तत्व इस तरह का शक्ल अख्तियार कर लेता है।

यमुना में प्रदूषण के लिए कौन है जिम्मेदार ?

पिछले तीन दिनों से यमुना नदी के पानी को लेकर दिल्ली में खूब सियासत हो रही है। विपक्षी पार्टियां खासकर भारतीय जनता पार्टी अरविंद केजरीवाल सरकार पर आरोप लगा रही है। वहीं आम आदमी पार्टी सरकार का दावा है कि जहरीले झाग के लिए यूपी और हरियाणा जिम्मेदार हैं। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आरोप लगाया है कि “सोनिया विहार में पानी साफ है और कालिन्दी कुंज में जहरीला तो इसका मतलब साफ है कि दिल्ली की आम आदमी सरकार दोषी है।” वहीं दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष और आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा का कहना है कि ओखला बैराज यूपी सिंचाई विभाग के नियंत्रण में है और वहां जो फोम बह रहा है वह डिटरजेंट और जहरीले कचरे की वजह से है। उनका दावा है कि ‘हरियाणा और यूपी, नजफगढ़ और शाहदरा के नालों के जरिए यमुना में रोजाना 15.5 करोड़ गैलन बिना शोधित अपशिश्ट पानी छोड़ा जाता है और बैराज की ऊंचाई से पानी गिरने की वजह से यमुना में झाग बनने लग जाता है।’ (ऊपर की तस्वीरें-सोमवार और मंगलवार की)

यमुना को स्वच्छ बनाने का सरकारी फंडा !

सोशल मीडिया पर तीन दिनों से छठ पूजा के मौके पर यमुना नदी के प्रदूषण को देखकर जबर्दस्त बवाल मचा हुआ है। आम आदमी पार्टी और उसके सुप्रीमो केजरीवाल के पुराने बयान वायरल हो रहे हैं, जिसमें उन्होंने 2015 में दिल्ली वालों से 5 साल का वक्त मांगा था और कहा था कि वह यमुना को स्वच्छ तो बनाएंगे ही, यमुना किनारे छोटे-छोटे झीलों का भी निर्माण करवाएंगे। उनके एक ऐसे ही वीडियो पर उनके पूर्व सहयोगी और कवि कुमार विश्वास भी खूब तंज कस चुके हैं। इस बीच बुधवार को दिल्ली जल बोर्ड की ओर से छठ पूजा से पहले यमुना में पानी के छिड़काव का एक और वीडियो वायरल हो गया है। इसमें दिल्ली जल बोर्ड (दिल्ली सरकार के अधीन) के कर्मचारी अशोक कुमार कह रहे हैं, “हम यमुना में पानी का छिड़काव कर रहे हैं ताकि झाग को खत्म किया जा सके।” इस वीडियो पर लोग खूब मजे ले रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या झाग खत्म हो जाने भर से दिल्ली में यमुना का पानी साफ हो जाएगा ?

मथुरा में यमुना के पास पहुंचे प्रवासी मेहमान

हालांकि, मंगलवार को ही एक तस्वीर मथुरा से भी सामने आई है, जिसमें यमुना नदी का पानी अलग कहानी बयां कर रहा है। यहां झाग तो नहीं ही दिख रहा है, बल्कि प्रवासी पक्षी जरूर नजर आ रहे हैं। यानी तस्वीरों को देखने से लगता है कि मथुरा में यमुना नदी की स्थिति दिल्ली से कहीं ज्यादा बेहतर है।