किसानी खेती को आगे बढ़ाने में कृषि विज्ञान केंद्रों की बड़ी भूमिका, देश में कुल 725 कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित किए गए, लेकिन 31 फीसदी पद खाली।

Parmod Kumar

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देश के किसानों को जागरूक करके खेती-किसानी के विकास में अहम योगदान देने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों की संख्या बढ़ाने में केंद्र सरकार जुट गई है. पिछले एक साल में पांच नए सेंटर बनाए गए हैं. इसके बावजूद एक सच यह है कि इनमें 31.56 फीसदी पद खाली हैं. यही समस्या भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में भी है, जहां वैज्ञानिकों के 21 और तकनीकी कर्मियों के 34 फीसदी पद खाली हैं. जबकि आईसीएआर कृषि क्षेत्र में शोध करने वाली देश की सबसे बड़ी संस्था है.

भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने एक लिखित सवाल में सरकार से पूछा है कि क्या पूरे जिले के किसानों (Farmers) की आवश्यकता को पूरा करने के लिए प्रति जिला एक केवीके पर्याप्त है. यदि नहीं तो इसके क्या कारण हैं. क्या देश में सभी कृषि विज्ञान केंद्रों में समुचित पर्याप्त कर्मचारी हैं? इसके जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश भर के प्रत्येक ग्रामीण जिले में कृषि विज्ञान केंद्र खोलने का प्रावधान किया गया है. अब तक देश में कुल 725 कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित किए गए हैं.

चुनिंदा किसानों की जरूरतों को पूरा करते हैं केवीके

तोमर ने बताया कि केवीके, रिसर्च संगठनों और राज्य सरकारों के विभिन्न विकास विभागों द्वारा संचालित मुख्य विस्तार प्रणाली के बीच सेतु के रूप में काम करते हैं. केवीके की भूमिका और इनके संसाधनों को ध्यान में रखते हुए ये जिले के चुनिंदा किसानों की जरूरतों को पूरा करते हैं. राज्य विकास विभागों को क्षमता विकास के लिए सहायता प्रदान करते हैं. पूरे जिले के किसानों को शामिल करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है.

कितना है स्टाफ, कितनी कमी

कृषि मंत्रालय ने बताया कि हर केवीके की स्वीकृत स्टाफ संख्या 16 है. जिनमें एक वरिष्ठ वैज्ञानिक, सह- प्रमुख, छह विषय-वस्तु विशेषज्ञ, एक फार्म प्रबंधक, दो कार्यक्रम सहायक, दो प्रशासनिक कर्मचारी, एक ट्रैक्टर ड्राइवर, एक जीप ड्राइवर और 2 अन्य कर्मचारी शामिल हैं. वर्तमान में केवीके के 68.44 फीसदी पद भरे हुए हैं. 657 केवीके के पास प्रशासनिक भवन हैं और 521 केवीके में किसान हॉस्टल हैं.

केवीके इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रही सरकार

सरकार का मकसद शेष कृषि विज्ञान केंद्रों में शीघ्र अपेक्षित बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना है. विगत पांच वर्षों के दौरान बड़ी संख्या में केवीके को दलहन बीज केंद्रों, मृदा परीक्षण किटों, सूक्ष्म-सिंचाई प्रणालियों, एकीकृत कृषि प्रणाली इकाइयों, कृषि मशीनरी और उपकरण, जिला एग्रो-मेट इकाइयों आदि जैसी अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर वाली सुविधाओं से मजबूत किया गया है.