श्रीनगर में तैनात हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव निवासी बीएसएफ जवान विनोद कुमार की हृदयगति रुकने से मौत हो गई। वह रेडियो मेकेनिक के पद पर तैनात था। गुरुवार शाम शहीद का पार्थिव शरीर टावर कॉलोनी में उनके आवास पर लाया गया। इस दौरान बाइक तिरंगा यात्रा बीएसएफ की गाड़ी के आगे-आगे चल रही थी। शहर की शिवपुरी में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे चंचल ने मुखाग्नि दी। विधायक हरविंद्र कल्याण, एसडीएम अभय सिंह, सहायक कंमाडेंट गोपाल राय मीणा व लाला सोहनलाल ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। भारत माता जिंदाबाद व विनोद कुमार अमर रहे के नारे लगाए। शहीद के पिता ने बताया कि उनका बेटा जून में छुट्टी पर आने वाला था। कैमला निवासी विनोद (53) पुत्र ओमप्रकाश 1990 में बीएसएफ में रेडियो मेकेनिक के पद पर भर्ती हुआ था। विनोद की पहली पोस्टिंग राजस्थान में हुई थी। अब विनोद बीएसएफ में 25वीं बटालियन में एसआई के पद पर तैनात था और श्रीनगर बॉर्डर पर सेवाएं दे रहा था। शहीद के परिजनों के मुताबिक 25 मई की सुबह विनोद ने खूब एक्सरसाइज भी की थी और दिनचर्या के अनुसार काम किया। सुबह करीब साढ़े आठ बजे अचानक विनोद के सीने में तेज दर्द हुआ, वहां मौजूद जवानों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। गुरुवार दोपहर दो बजे श्रीनगर से फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरी। जहां से बीएसएफ के जवान अपनी गाड़ी में पार्थिव शरीर लेकर करीब पांच बजे घरौंडा पहुंचे। पानीपत टोल प्लाजा से कैमला के ग्रामीण युवा बाइक तिरंगा यात्रा के साथ गाड़ी के आगे-आगे चल रहे थे। बीएसएफ की टुकड़ी ने गॉर्ड ऑफ ऑनर के साथ शहीद को सलामी दी। सहायक कंमाडेंट गोपाल राय मीणा ने शहीद के पिता ओमप्रकाश व पुत्र चंचल को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा। मीणा ने कहा कि ऐसे वीर सपूत हर घर में पैदा हों। मास्टर ओमप्रकाश ने कहा कि जिस तरह का सपूत उनके घर में पैदा हुआ, वैसे ही सपूत दूसरे घरों में भी पैदा हों।