पिछले साल भारत ने भारी मात्रा में मूंगफली का निर्यात एक्सपोर्ट किया था, इस बार घट गया।

Parmod Kumar

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खरीफ और रबी सीजन के दौरान पैदा होने वाले अहम तिलहन मूंगफली की खेती में पिछले साल के मुकाबले कमी देखी जा रही है. इसका असर मंडियों में मूंगफली की कीमत पर पड़ सकता है. फिलहाल मंडियों में मूंगफली का भाव 6000 रुपए के आसपास चल रहा है. वहीं मूंगफली के निर्यात में भी कमी आई है. जबकि पिछले साल एक्सपोर्ट का लाभ किसानों को मिला था. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार बंपर पैदावार हुई है. ऐसे में इस साल निर्यात के आंकड़े बेहतर हो जाएंगे.

अगर खरीफ मूंगफली की खेती की बात करें तो अब तक जितनी भी फसल लगी है, वो पिछले साल के मुकाबले 5 लाख हेक्टेयर से कम है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जुलाई के अंत तक देश में 36.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मूंगफली की खेती हुई है. जबकि पिछले साल इसी अवधि में मूंगफली का रकबा 41.56 लाख हेक्टेयर था. आंकड़ों से पता चल रहा है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार 5 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में कम बुवाई हुई है.

पिछले साल के मुकाबले कम हुआ निर्यात

खेती के पिछड़ने का असर मूंगफली के निर्यात पर भी दिख रहा है. वाणिज्य मंत्रालय की संस्था एपीडा के मुताबिक, मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश से 6.38 लाख टन मूंगफली का निर्यात हुआ था. जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा 6.54 लाख टन था.

फसल वर्ष 2020-21 के दौरान देश में मूंगफली की बंपर उपज हुई है. इस वजह से सप्लाई को लेकर आशंका कम है. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, इस साल आंकड़ों में सुधार होगा और निर्यात में बढ़ोतरी हो सकती है. अधिक पैदावार से किसानों को भी लाभ मिल रहा है.

खाद्य तेलों की बढ़ती मांग की वजह से भाव में तेजी बरकरार

बाजार विशेषज्ञ अनुज गुप्ता के मुताबिक, मूंगफली के भाव में तेजी देखने को मिल रही है. खाद्य तेलों के भाव में तेजी की वजह से मूंगफली के दाम में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. गुप्ता के मुताबिक, आने वाले समय में कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है और बंपर पैदावार का असर निर्यात पर देखने को मिलेगा. इस बार मूंगफली निर्यात के बढ़ने की उम्मीद है.

अनुज गुप्ता ने कहा कि किसान अगर अपनी पैदावार को रोक कर रखते हैं तो उन्हें लाभ मिल सकता है. घरेलू मांग के कारण भाव में तेजी बरकरार रहने की उम्मीद है. इसका लाभ किसानों को मिलने की उम्मीद है. बाजार जानकार गुप्ता का कहना है कि किसान छोटी अवधि के लिए अपनी पैदावार को रोककर मुनाफा कमा सकते हैं.