हरियाणा के बड़े शहरों के बस स्टैंड के बाहर जूस बनाने वाले छोटे दुकानदार गायब हो गए हैं, क्या किसी ने सोचा की लॉकडाउन से अनलॉक तक के सफर में ये लोग आखिर कहां चले गए? आज भी बस स्टैंड के बाहर भीड़ देखने के लिए उनकी आंखे तरस गयी है, इंतज़ार है भीड़ को चीरते हुए उन ग्राहकों का जो आते ही कहते थे एक गिलास जूस देना भैया, हर रोज 200 रूपये से 400 रूपये तक पूरा दिन मेहनत करके कमाते थे, अब करीब तीन महीने गुजर गए और सब कुछ बर्बाद हो गया, जूस बनाने वाली मशीनों में भी जंग लग गया है, आखिर इन दुकानदारों के घर का गुजरा कैसे चलता होगा ये बड़ा सवाल है? क्या गुजरती होगी उन छोटे दुकानदारों पर, रेहड़ी के पास खड़े गन्ने भी सूख गए हैं जिसके जूस से बच्चों का पेट पालना था, आज अनलॉक का पहला फेज ख़त्म हो गया और प्रधानमंत्री जी भी हमेशा की तरह गरीबों को राशन मुफ्त देने का राग अलाप गए लेकिन क्या गरीबों तक वाकई ये राशन पहुंचता होगा? ये भी बड़ी बात है, देखिये सड़कनामा की टीम ने जब सिरसा के बस स्टैंड के सामने जाकर देखा जहां किसी वक्त रौनक होती थी आज खाली खड़ी रेहड़ियां अपने मालिकों का इंतज़ार कर रही हैं,आखिर ये वाली अर्थव्यवस्था कब पटरी पर लौटेगी, देखिये ये रिपोर्ट प्रमोद कुमार के साथ वीडियो जर्नलिस्ट चरण सिंह
लॉकडाउन से अनलॉक तक के सफर में गन्ना सूख गया और नहीं लौटे वो! आखिर कहां गायब हो गए जूस वाले भैया?
Parmod Kumar