Bengaluru Mahalakshmi Case Update: बेंगलुरु में 21 सितंबर को फ्लैट के अंदर टुकड़ों की शक्ल में मिली महालक्ष्मी की लाश का रहस्य खुल गया है। महालक्ष्मी का कत्ल करने के बाद उसकी लाश के टुकड़े-टुकड़े करने वाला आरोपी मुक्ति रंजन ओडिशा में मृत मिला है। वो एक साल से महालक्ष्मी के साथ रिलेशनशिप में था।
नई दिल्ली: बेंगलुरु के व्यालिकावल इलाके में तीन मंजिला लो राइज अपार्टमेंट और इसके टॉप फ्लोर पर 19 दिनों से बंद एक फ्लैट। 21 सितंबर को फ्लैट का दरवाजा खुलता है तो अंदर मिलती है करीब 40 टुकड़ों में बिखरी 29 साल की महिला की लाश। कुछ टुकड़े फर्श पर और कुछ फ्रिज के अंदर। उसके सिर को काटकर भी फ्रिज में रखा गया था। लाश थी महालक्ष्मी नाम की महिला की, जो अपने परिवार से अलग यहां किराए का फ्लैट लेकर रह रही थी।ना कातिल का कोई सुराग, ना मौके पर कोई सबूत। महालक्ष्मी शादीशुदा थी, लेकिन पति से अलग रहती थी। पति बयान देता है कि उसका अफेयर चल रहा था और कत्ल के पीछे महालक्ष्मी का प्रेमी अरशद है। अरशद से पूछताछ होती है, लेकिन पुलिस को नहीं लगता कि वो कातिल है। अब पुलिस महालक्ष्मी के कातिल की तलाश में जुट जाती है और सीसीटीवी फुटेज के जरिए पता चलता है कि आरोपी कोई बाहर का है।
पेड़ से लटकी मिली आरोपी की लाश
इस बीच केस में एक नया मोड़ आ जाता है। ओडिशा पुलिस को भद्रक इलाके में पेड़ से लटकी एक आदमी की लाश मिलती है। लाश के साथ ही एक चिट्ठी भी मिलती है, जिसमें बेंगलुरु में हुई महालक्ष्मी के कत्ल का कुबूलनामा था। तफ्तीश होती है, तो पता चलता है कि ये लाश मुक्ति रंजन रे नाम के आदमी की है। हालात देखकर अंदाजा लग जाता है कि गिरफ्तारी के डर से उसने ये खौफनाक कदम उठाया है।
मॉल में कपड़े की दुकान पर करता था काम
आखिर कौन था ये मुक्ति रंजन? महालक्ष्मी का कत्ल उसने क्यों किया? और इन दोनों के बीच क्या रिश्ता था। कड़ियों को जोड़ा जाता है और एक कहानी सामने आती है। 30 वर्षीय मुक्ति रंजन ओडिशा के भद्रक जिले में पड़ने वाले एक गांव धुसुरी का रहने वाला था। कुछ साल पहले काम की तलाश में बेंगलुरु आया मुक्ति रंजन यहां एक मॉल में कपड़े की दुकान में काम करने लगा।
एक साल पहले मॉल में हुई मुलाकात
एक साल पहले 2023 में मुक्ति रंजन की मुलाकात महालक्ष्मी से बेंगलुरु के एक मॉल में हुई और इसके बाद दोनों के बीच बातें होने लगीं। पारिवारिक विवाद की वजह से अपने पति से अलग रह रही महालक्ष्मी इसी मॉल के एक कॉस्ट्यूम आउटलेट में टीम लीडर के तौर पर काम करती थी। मुक्ति रंजन के साथ उसकी बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ा और दोनों के बीच दोस्ती हो गई।