गांधी परिवार की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले गुलानबी आजाद ने सार्वजनिक रूप से फजीहत करके कांग्रेस छोड़ दी तो अब जी 23 के दूसरे सदस्य उन पर हमले का कोई मौता नहीं छोड़ रहे हैं। मनीष तिवारी ने कांग्रेस अध्य़क्ष के चुनाव को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। मनीष तिवारी ने कांग्रेस संगठन चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के बिना कांग्रेस अध्यक्ष पद के निष्पक्ष चुनाव कैसे होंगे। उन्होंने मांग की कि निष्पक्ष चुनाव के लिए पार्टी के वोटर का नाम-पता प्रकाशित किया जाना चाहिए। उन्होंने मधुसूदन मिस्त्री से तिवारी ने जानना चाहा कि पार्टी की मतदाता सूचियां सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हुए बगैर निष्पक्ष व स्वतंत्र चुनाव कैसे होंगे। तिवारी ने मिस्त्री से कहा कि मतदाता सूची को कांग्रेस की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाना चाहिए। निष्पक्ष चुनाव के लिए वोटरों के नाम पते प्रकाशित किए जाएं। मधुसूदन मिस्त्री कांग्रेस के संगठन चुनाव प्रभारी हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मधुसूदन मिस्त्री ने एक आर्टिकल में कहा है कि सूची सार्वजनिक नहीं की गई है। लेकिन यदि हमारी पार्टी का कोई सदस्य इसे देखना चाहे है तो वह प्रदेश कांग्रेस कमेटियों में जाकर जांच कर सकता है। यह अवसर उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद ही दिया जाएगा। मनीष तिवारी ने कहा कि ऐसा तो क्लबों के चुनाव में भी नहीं होता। तिवारी ने सवाल किया कि ‘क्या किसी को मतदाता सूची की जानकारी जुटाने के लिए देशभर के पीसीसी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ेंगे। वो निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव के लिए कांग्रेस की वोटर सूची के प्रकाशन की मांग करते हैं। तिवारी ने कहा कि यदि कोई कांग्रेस नेता चुनाव लड़ने की सोचे तो उसे मतदाताओं की जानकारी ही नहीं होगी। नामांकन पत्र भरने के लिए भी उसे 10 कांग्रेस सदस्यों को प्रस्तावक बनाना पड़ेगा, इसलिए उनके नाम पतों की जानकारी चाहिए। इसके अभाव में कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण उसका नामांकन पत्र यह कह कर निरस्त कर सकता है कि प्रस्तावक वैध सदस्य नहीं हैं।