भिवानी के लोहारू में गांव गांव ढाणी लक्ष्मण में शिक्षिका मनीषा की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। मनीषा का अंतिम संस्कार आज सुबह 8 बजे उनके छोटे भाई नितेश द्वारा मुखाग्नि देकर किया गया। इस दौरान क्षेत्र का माहौल गमगीन रहा, और नम आंखों से लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
अंतिम यात्रा में क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें एसडीएम मनोज दलाल, आईजी राज श्री, किसान नेता गुरनाम सिंह चढुनी, वरुण श्योराण, सरपंच राजू, जयसिंह सहित अन्य प्रमुख लोग शामिल थे। गांव सहित आसपास के क्षेत्रों से आए हजारों लोगों का जनसैलाब मनीषा को श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ा।
मनीषा के निधन के मामले में परिवार और ग्रामीणों की मांग पर सीबीआई जांच के लिए सहमति बनी है। इसके अलावा, एम्स अस्पताल में दोबारा पोस्टमॉर्टम किया गया और शव के सैंपल लिए गए हैं। ग्रामीणों ने मनीषा के निधन को लेकर कई सवाल उठाए थे, जिसके बाद प्रशासन ने जांच को गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि मनीषा उनकी बेटी थी और इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने स्वयं इस मामले की पल-पल की जानकारी लेने की बात कही।
भिवानी मनीषा केस में टाइम लाइन
ढाणी लक्ष्मण गांव की मनीषा 11 अगस्त को स्कूल से निकलने के बाद नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन पूछताछ के लिए गई। इसके बाद वह लापता हो गई। परिवार ने उसी दिन लोहारू थाने में शिकायत दर्ज की, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और कहा कि वह शायद भाग गई होगी।
12 अगस्त 2025
परिवार की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया, लेकिन मनीषा की तलाश में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
13 अगस्त 2025
मनीषा का शव लोहारू के सिंघानी गांव के पास एक खेत में नहर के किनारे क्षत-विक्षत हालत में मिला। शव पर जख्म और गले पर निशान थे, जिससे हत्या और दुष्कर्म की आशंका जताई गई। इस घटना ने पूरे हरियाणा में आक्रोश फैलाया। लोग सड़कों पर उतरे और दिल्ली-पिलानी नेशनल हाईवे जाम कर दिया।
14-15 अगस्त 2025
भिवानी सिविल अस्पताल में मनीषा का पहला पोस्टमॉर्टम हुआ। प्रारंभिक रिपोर्ट में जहर (कीटनाशक) से मौत की पुष्टि हुई। पुलिस ने एक सुसाइड नोट मिलने का दावा किया, जिसमें मनीषा ने अपने माता-पिता से माफी मांगी थी और नर्सिंग की पढ़ाई के दबाव का जिक्र किया था। हालांकि, परिजनों और ग्रामीणों ने इसे हत्या बताते हुए पुलिस की सुसाइड थ्योरी को खारिज किया।
16-17 अगस्त 2025
परिजनों और ग्रामीणों की मांग पर रोहतक PGI में मनीषा का दूसरा पोस्टमॉर्टम किया गया। इस रिपोर्ट में भी जहर से मौत की पुष्टि हुई, लेकिन दुष्कर्म की बात से इनकार किया गया। शव पर जख्मों को जंगली जानवरों द्वारा नोचे जाने का परिणाम बताया गया। इसके बावजूद, परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया और अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया। पूरे हरियाणा में प्रदर्शन तेज हुए, जिसमें छात्र, आशा वर्कर्स, और सामाजिक संगठन शामिल हुए।
18 अगस्त 2025
मामले में नया मोड़ आया जब पुलिस ने सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग मनीषा की बताई। हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने भिवानी पहुंचकर परिवार से मुलाकात की और जांच में पारदर्शिता का भरोसा दिया। ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए और सीबीआई जांच की मांग की। भिवानी और चरखी दादरी में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
19 अगस्त 2025
ग्रामीणों और परिजनों के दबाव में सरकार ने मनीषा के शव को तीसरे पोस्टमॉर्टम के लिए दिल्ली AIIMS भेजने का फैसला किया। साथ ही, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की घोषणा की। भिवानी के एसपी का तबादला और पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया। मनीषा का शव भिवानी सिविल अस्पताल में रखा रहा, क्योंकि परिजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं थे।
20 अगस्त 2025
मनीषा का शव दिल्ली AIIMS में तीसरे पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। ग्रामीणों ने पंचायत की और अंतिम संस्कार से पहले सीबीआई जांच और पोस्टमॉर्टम की अंतिम रिपोर्ट की मांग की। बिश्नोई गैंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दोषियों को सजा देने की धमकी दी।
21 अगस्त 2025
तीसरे पोस्टमॉर्टम के बाद मनीषा का शव भिवानी के ढाणी लक्ष्मण गांव लाया गया। सुबह 8 बजे अंतिम संस्कार संपन्न हुआ, जिसमें मनीषा के छोटे भाई नितेश ने मुखाग्नि दी। हजारों की संख्या में लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए, जिनमें एसडीएम मनोज दलाल, आईजी राज श्री, गुरनाम सिंह चढुनी, वरुण श्योराण, सरपंच राजू, जयसिंह जैसे गणमान्य लोग मौजूद थे।