ओटीपी न मिलने और ऑनलाइन फीस जमा न होने से कई के रजिस्ट्रेशन अटके

Parmod Kumar

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यूजी कक्षाओं में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थी हायर एजुकेशन विभाग का पाेर्टल खुलने का सुबह से इंतजार करते रहे। काॅलेजाें और सीएससी सेंटराें पर विद्यार्थी रजिस्ट्रेशन के लिए चक्कर लगाते रहे लेकिन पाेर्टल दाेपहर बाद करीब तीन बजे खुला। पाेर्टल पर रजिस्ट्रेशन करते समय नेट बैंकिंग से रजिस्ट्रेशन फीस जमा करवाने में दिक्कत रही। कुछ विद्यार्थियाें काे माेबाइल पर ओटीपी मिलने में समस्या रही। सर्वर बिजी हाेने के कारण कई बार प्रयास करने के बाद भी ओटीपी नहीं मिल पाए। ओटीपी के अलावा नेट बैंकिंग की समस्या बनी रही। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सबसे पहला स्टेप फीस सबमिट का रहा। फीस जमा न हाेने के चलते स्टूडेंट आगे की प्रक्रिया नहीं बढ़ा पाए। वहीं देर रात तक काॅलेजाें का काॅर्नर पाेर्टल पर ओपन नहीं हाे सका। जिससे काॅलेज प्रशासन काे अपने-अपने काॅलेज में मिले आवेदनाें की जानकारी नहीं मिल सकी। काॅलेजाें में मंगलवार से मिले आवेदनाें के डाक्यूमेंट्स की ऑनलाइन वेरिफिकेशन का काम भी आरंभ करना है। यूजी एडमिशन के लिए डीएचई ने इस बार परिवार पहचान पत्र नंबर जरूरी कर दिया है। इसके बगैर रिजर्वेशन व स्काॅलरशिप जैसे लाभ अटक सकते हैं। यदि किसी स्टूडेंट ने रिर्जव कैटेगिरी में आवेदन किया है और उसका पीपीपी नंबर नहीं है ताे उसे मेरिट सूची में सामान्य श्रेणी में रखा जाएगा। इसी तरह बगैर पीपीपी आईडी के स्काॅलरशिप आदि के लाभ भी रुक सकते हैं। इसलिए स्टूडेंट आवेदन के साथ पीपीपी नंबर भी एप्लाई करें। यूजी रजिस्ट्रेशन के लिए इस बार डीएचई ने 50 और 100 रुपए की नाॅन रिफंडेबल फीस रखी है। स्टूडेंट काॅर्नर खाेलने के बाद रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले फीस सबमिट करवाई जा रही है। इनसाे जिला चेयरमैन हरेंद्र बैनिवाल ने बताया कि फीस का ऑप्शन फार्म सबमिट करने के बाद हाेना चाहिए, ताकि किसी तरह की गलती रहने पर दाेबारा फार्म भरा जा सके। राजकीय काॅलेज के नाेडल अधिकारी डाॅ. यशवंत ने बताया कि यूजी दाखिले के लिए पाेर्टल करीब 3 बजे ओपन हुआ। सुबह से स्टूडेंट चक्कर लगाते रहे। पाेर्टल खुलने के बाद तकनीकी खामियां रही। कई विद्यार्थी रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सके। इंपीरियल कॉलेज के डायरेक्ट डाॅ. कुलदीप आर्य ने बताया कि काॅलेज का काॅर्नर ओपन नहीं हुआ है, कितने आवेदन मिले, पता नहीं चल सका।