हरियाणा में एक और बड़ा प्लांट स्थापित करेगी मारुति-सुजुकी, इसके लिए 900 एकड़ से ज्यादा जमीनकी मांग।

Parmod Kumar

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मारुति-सुजुकी हरियाणा में एक और बड़ा प्लांट स्थापित करना चाहती है। इसके लिए कंपनी ने प्रदेश सरकार से सोनीपत जिले के खरखौदा में 900 एकड़ से ज्यादा जमीन मांगी है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को जेजेपी प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। चौटाला ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के मारुति के पलायन को लेकर लगाए आरोपों को तथ्यों से परे बताया। उन्होंने कहा मारुति हरियाणा में लगा अपना कोई भी प्लांट शिफ्ट नहीं कर रही। अगले दो माह में हरियाणा में बड़े निवेश की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों मारुति-सुजुकी कंपनी से जुड़े वरिष्ठ प्रतिनिधियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उनकी बैठक हुई थी। कंपनी ने खरखौदा में प्लांट लगाने के लिए एचएसआईआईडीसी से जमीन की मांग की है। गाड़ियों के उत्पादन के लिए 800 एकड़ से ज्यादा और बाइक उत्पादन के लिए 100 एकड़ से ज्यादा जमीन सुजुकी कंपनी ने मांगी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार एटीएल और फ्लिपकार्ट की तरह आने वाले दिनों में हरियाणा की धरती पर मारुति के भी एक विशाल प्लांट की नींव रखने का कार्य करेगी। नई ई-व्हीकल पॉलिसी के तहत भी निस्सान, हुंडई जैसी विदेशी कंपनियां देश में प्लांट लगाने में रुचि रखती हैं। व्हीकल की बैटरी बनाने वाली दो बड़ी कंपनियों से सरकार की चर्चा भी हुई है। कोरोना महामारी के बावजूद प्रदेश राजस्व में बढ़ोतरी हुई है।
पंच-सरपंच के चुनाव को लेकर आयोग को पत्र लिखेंगे
प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इससे जुड़ी हाईकोर्ट में तीन अलग-अलग याचिकाएं लगी हैं। उन पर सुनवाई हो रही है। अगर जिला परिषद के पुर्ननिर्धारण के कारण चुनाव में देरी होती है तो उस स्थिति में सरकार के समक्ष जिला परिषद और ब्लॉक समिति को छोड़कर पंच-सरपंच का चुनाव करवाने का विकल्प है। इसे लेकर सरकार जल्द चुनाव आयोग को पत्र लिखकर लिखेगी।

हरियाणा तक सीमित नहीं कांग्रेस की गुटबाजी
हरियाणा कांग्रेस में चल रही उठापटक पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी केवल हरियाणा तक सीमित नहीं है। ऊपर तक कांग्रेस का यही हाल है। हरियाणा से पहले कांग्रेस अपने शीर्ष नेतृत्व को सही करे। उन्होंने अमेरिका का इतिहास बताते हुए कहा कि वहां 100 साल से ज्यादा कोई राजनीतिक दल नहीं चला। कांग्रेस का भी ऐसा ही हाल हो गया है। करीब सवा सौ साल कांग्रेस को हो गए हैं, अब कांग्रेस में ऊपर से नीचे तक बैठी टीमें पार्टी को अंत की ओर लेकर जा रही हैं।