परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क ने बताया कि रेवाड़ी के अलावा सात नगर निगमों में इलेक्ट्रिकल एसी सिटी बस सेवा चलेगी। इसके लिए अलग से 3 एकड़ में नए बस स्टैंड का निर्माण भी करवाया जाएगा, जिसमें चार्जिंग स्टेशन भी होगा और इस पर 115 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
हरियाणा सरकार ने निकायों में होने वाले कामों के लिए मेयरों की वित्तीय शक्तियां बढ़ा दी हैं। अब मेयर दस करोड़ रुपये तक के कामों को स्वीकृति दे सकेंगे। पहले उनके पास केवल ढाई करोड़ तक के कामों को मंजूरी देने के अधिकार थे। इससे ऊपर के कामों की मंजूरी के लिए फाइलें मुख्यालय भेजनी पड़ती थी। वित्तीय शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ सरकार ने मेयर के प्रशासनिक अधिकार भी बढ़ा दिए। अब वे नियमों की अवहेलना करने पर ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारियों को निलंबित भी कर सकेंगे। इनमें जूनियर इंजीनियर (जेई) भी शामिल हैं। मेयरों की शिकायत थी कि नीचे के स्टाफ काम में लापरवाही बरतते हैं। इसकी वजह से आम लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह घोषणा गुरुवार को हरियाणा निवास में आयोजित नगर निगमों के मेयरों व सीनियर डिप्टी मेयर की बैठक में की। सीएम ने मेयरों से कहा कि वे नगर निगम आयुक्तों के साथ सामंजस्य बनाएं, ताकि विकास कार्यों में कोई बाधा न आए। उन्होंने कहा कि शहरों में प्रॉपर्टी आईडी बनाना एक जटिल प्रक्रिया थी, जिसे अब पूरा कर लिया गया है। इसके लिए एक एसओपी तैयार की जा रही है, जिसकी एक प्रति आपको भी भेजी जाएगी। दमकल गाड़ियों की संख्या बढ़ाने की मांग को भी सीएम ने मंजूर कर दिया। बैठक में निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त विकास गुप्ता मौजूद रहे।
जनवरी तक सभी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने का निर्देश
पांच नगर निगम का कार्यकाल अगले साल जनवरी में खत्म होना है, जबकि तीन का पहले ही खत्म हो चुका है। मुख्यमंत्री ने सभी मेयरों व सीनियर डिप्टी मेयरों से कहा कि वह जनवरी तक अपने सभी कार्यों को पूरा करें। जिन कामों के लिए जितना बजट चाहिए, उसके बारे में तत्काल बताएं। केंद्रीय वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग की तरफ से निगमों को तीसरी तिमाही का लगभग 600-700 करोड़ रुपये आवंटित किया जाना है, इसलिए मेयर विकास कार्यों का अनुमान तैयार करें।