पारा लुढ़कने से कई राज्‍यों में बढ़ा शीतलहर का प्रकोप, 28 जनवरी से फिर बढ़ेगा तापमान, पढ़ें मौसम का ताजा अपडेट

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शीतलहर का प्रकोप बढ़ा, पारा लुढ़का, जानें ताजा मौसम अपडेट

देश के कई राज्यों में मौसम ने करवट ली है, जिससे शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। बीते दिनों से सामान्य से अधिक तापमान के कारण दिन में गर्मी महसूस की जा रही थी, लेकिन अब तापमान में 2-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज होने की संभावना है। इससे सुबह और रात के समय ठंड में इजाफा होगा।


शीतलहर की चपेट में उत्तर भारत

बुधवार और गुरुवार को हुई बारिश के बाद उत्तर भारत के राज्यों में ठंड का असर फिर से दिखाई देने लगा है। 26 जनवरी से हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा में शीतलहर की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों तक इन राज्यों में न्यूनतम तापमान में गिरावट होगी। हालांकि, 28 जनवरी से तापमान में सुधार की स्थिति बन सकती है।


दक्षिण भारत में बारिश थमेगी

दक्षिण भारत में मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया कि तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल, माहे, तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण कर्नाटक में अगले दो दिनों के भीतर उत्तर-पूर्व मानसून की बारिश थमने की संभावना है। इससे क्षेत्र में मौसम सामान्य होने की उम्मीद है।


दिल्ली में पारा गिरेगा 2 डिग्री

राजधानी दिल्ली में बीते दिनों से दिन में गर्मी महसूस हो रही थी, लेकिन अब न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री की गिरावट के साथ सुबह और रात को ठंड बढ़ने की संभावना है। अगले दो दिनों तक न्यूनतम और अधिकतम तापमान क्रमशः 7 डिग्री और 23 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। साथ ही सुबह और रात के समय कोहरे के कारण दृश्यता कम रह सकती है।


कोहरे से हवाई और रेल यातायात प्रभावित

दिल्ली में कोहरे के कारण कई फ्लाइट्स और ट्रेनों में देरी हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि 28 जनवरी से 31 जनवरी तक दिल्ली में न्यूनतम तापमान 8-10 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने की संभावना है।


इन राज्यों में घने कोहरे की चेतावनी

बिहार, ओडिशा और पूर्वोत्तर भारत (अरुणाचल प्रदेश को छोड़कर) के कई हिस्सों में घने कोहरे की चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान दृश्यता काफी कम रहेगी, जिससे वाहन चालकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।


बढ़ते तापमान का फसलों पर असर

मौसम विभाग के त्रैमासिक पूर्वानुमान के अनुसार, जनवरी से मार्च के बीच सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है। फरवरी और मार्च में बेमौसम बारिश कम होने की संभावना जताई गई है।

इस स्थिति का बागवानी फसलों और गेहूं की फसल पर असर पड़ सकता है। हालांकि, शीतलहर और ठंडे मौसम से किसानों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।


निष्कर्ष
मौसम में अचानक बदलाव ने कई राज्यों को प्रभावित किया है। जहां उत्तर भारत शीतलहर और ठंड से जूझ रहा है, वहीं दक्षिण भारत में मानसून की बारिश थमने की संभावना है। किसानों और आमजन के लिए यह समय सतर्कता और सावधानी बरतने का है।