यह प्रस्ताव अब अंतिम मंजूरी के लिए संबंधित मंत्रालय को भेजा जाना है। बता दें कि केंद्र ने ट्राइसिटी मेट्रो के कार्यान्वयन के लिए गठित यूएमटीए से मेट्रो के अलावा शहर में अन्य विकल्पों पर प्रस्ताव मांगे थे, जिसमें मेट्रोलाइट का भी प्रस्ताव भेजा गया था। इसके तहत विशेष प्रकार की बसें मौजूदा सड़क संरचना पर चलाई जानी थीं लेकिन शहर पर बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुए केंद्र ने इस प्रस्ताव को खारिज किया है। अब ट्राइसिटी में मेट्रो कोच सिस्टम होगा।
परियोजना के पहले चरण में कुल 70.04 किलोमीटर ट्रैक पर तीन रूट प्रस्तावित किए गए हैं, जिसमें 66 स्टेशन शामिल रहेंगे। इनका निर्माण 2034 तक पूरा होगा। लगभग 19 हजार करोड़ के प्रस्तावित इस प्रोजेक्ट के अंडरग्राउंड नेटवर्क को लेकर राइटस और यूटी के अधिकारी डीपीआर पर काम कर रहे हैं, जिसे मंत्रालय को सौंपा जाएगा।