मिल और व्यापारी के पास सरसो का स्टॉक नहीं, किसानो के पास ही सरसो है, क्या आने वाले वक्त में और अच्छी कीमत मिलेगी।

Parmod Kumar

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रिकॉर्ड पैदावार के बाद भी इस वक्त सरसों की कमी महसूस की जा रही है. मिल और व्यापारियों के पास सरसों का स्टॉक नहीं है. सिर्फ किसानों के पास ही सरसों दाना मौजूद है. फसल तैयार होने के बाद बाजार में दाम उच्च स्तर पर पहुंच गए थे. उस वक्त मंडियों में आए सरसों को मिलर्स और व्यापारियों ने खरीदा और जमकर पेराई की. किसान इस उम्मीद में हैं कि त्योहारी सीजन में दाम फिर बढ़ेंगे और उस वक्त पैदावार बेचकर ज्यादा लाभ होगा.

बाजार सूत्रों का कहना है कि देश में प्रतिदिन जितनी सरसों की मांग है, उसका आधा ही मंडियों में आ रहा है. किसानों ने अपनी पैदावार रोक कर रखी है और सरसों दाने की कमी की वजह से कई राज्यों में आधे से अधिक मिल बंद हो गई हैं. इस बार तो सरकारी संस्थाओं ने भी सरसों की खरीद नहीं की है. ऐसे में बुवाई सीजन में सरसों बीज की कमी होने की आशंका भी सता रही है.

बाजार में सरसों की आवक बेहद कम

उन्होंने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक बेहद कम है. देश भर की मंडियों में सरसों की जो आवक प्रतिदिन लगभग ढाई लाख बोरी की थी वह घटकर दो-सवा दो लाख बोरी रह गई है. किसानों के अलावा और किसी के पास सरसों नहीं है. उन्होंने कहा कि सरसों की अगली फसल आने में लगभग सात महीने हैं और आगामी त्योहारों के देखते हुए सहकारी संस्था, हाफेड को बाजार भाव पर अभी सरसों की खरीद कर स्टॉक बना लेना चाहिए जो दिवाली के समय काम आएगा.

उन्होंने कहा कि सरसों की मांग प्रतिदिन करीब साढ़े तीन-चार लाख बोरी की है जबकि मंडियों में इसकी आवक दो-सवा दो लाख बोरी की ही है. इसके अलावा सरसों में किसी अन्य तेल के सम्मिश्रण करने से लगी रोक को कड़ाई से लागू करने के लिए खाद्य नियामक, एफएसएसएआई नियमित तौर पर बाजार से नमूनों की जांच में लगी है.

मंडियों में सरसों के भाव इस प्रकार हैं

सरसों तिलहन- 7,675 – 7,725 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपए.
सरसों तेल दादरी- 15,320 रुपए प्रति क्विंटल.
सरसों पक्की घानी- 2,505 -2,555 रुपए प्रति टिन.
सरसों कच्ची घानी- 2,605 – 2,715 रुपए प्रति टिन.