रेलवे की RRC ग्रुप-डी 2019 भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। अंबाला कैंट DRM ऑफिस में हुई डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के दौरान फर्जीवाड़ा करके पास हुआ एक कैंडिडेट पकड़ा गया है। कैंडिडेट ने अपनी जगह किसी दूसरे को एग्जाम में बैठा लिखित परीक्षा पास कराई थी।
डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के दौरान फोटो का मिलान न होने पर गड़बड़झाले की परतें खुली। आरोपी कैंडिडेट बृज किशोर उत्तर प्रदेश के जिला फिरोजाबाद के गांव अरमारा जाट का रहने वाला है।
वर्ष 2019 में निकली थी RRC ग्रुप-डी भर्ती
पुलिस ने DRM ऑफिस LO/UMB राजीव चौधरी की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दरअसल, रेलवे द्वारा लेवल-1 की RRC ग्रुप-डी 01/2019 के विभिन्न पदों की भर्ती कराई गई थी। अंबाला कैंट में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए 3 सदस्यीय की एक कमेटी गठित की गई थी।
कैंडिडेट के नाम में भी मिली गलती
मंगलवार को कैंडिडेट बृज किशोर अपने डॉक्यूमेंट्स की वेरिफिकेशन कराने के लिए पहुंचा था। यहां कमेटी ने कैंडिडेट के नाम में मामूली गलती मिली। कैंडिडेट का नाम आवेदन पत्र में (Brij kisor) और आधार कार्ड में (Brija kisor) मिला, लेकिन कैंडिडेट ने एक एफिडेविट देकर दोनों नाम एक ही होने की बात कही थी।
डॉक्टरों ने पकड़ा गड़बड़झाला
आरोपी कैंडिडेट को मेडिकल के लिए बुधवार दोपहर 1 बजे रेलवे अस्पताल में रिपोर्ट करने को बोला गया था। इस दौरान डॉक्टरों ने कैंडिडेट की फोटो न मिलने पर आपत्ति जताई। डॉक्टरों ने मेडिकल मेमो पर कैंडिडेट को उसकी लेटेस्ट फोटो लगा डिवीजनल अथॉरिटी से वेरिफाई कराने की बात कही।
अंगूठे के नहीं मिले निशान
आरोपी कैंडिडेट इस बात पर जोर दे रहा था कि मेडिकल मेमो पर उसी की फोटो है। CBT और PET के समय लिए गए अंगूठे के निशान मिलने पर भी नहीं मिले। सख्ती से पूछताछ में आरोपी कैंडिडेट बृज किशोर ने कबूल किया कि उसने किसी और के माध्यम से एग्जाम पास कराया है। पड़ाव थाना के ASI प्रकाश चंद ने बताया कि आरोपी के खिलाफ धारा 419/420 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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