मोदी सरकार ने 2017 से विज्ञापनों पर खर्च किए 3,339 करोड़ रु, केंद्रीय मंत्री ने संसद में दी जानकारी

Parmod Kumar

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मोदी सरकार ने साल 2017 से अभी तक विज्ञापनों पर तकरीबन साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह जानकारी गुरुवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में दी। ठाकुर ने यह भी बताया कि विदेशी मीडिया पर कोई खर्च नहीं किया गया है। उन्होंने सदन को बताया कि सरकार ने 2017 से 5 साल की अवधि में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों पर 3,339.49 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। एक लिखित जवाब में अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने 2017-18 से 12 जुलाई, 2022 तक प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों पर 1,756.48 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वहीं, इस अवधि के दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों पर 1,583.01 करोड़ रुपए खर्च किए गए। अनुराग ठाकुर ने बताया कि विज्ञापनों पर यह खर्च केंद्रीय संचार ब्यूरो के माध्यम से खर्च किया गया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय के माध्यम से विदेशी मीडिया में विज्ञापनों पर सरकार के किसी मंत्रालय या विभाग द्वारा कोई खर्च नहीं किया गया है। बता दें कि संसद में आज का दिन हंगामेदार रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन की अशोभनीयि टिप्पणी को लेकर संसद में बवाल मचा रहा। बीजेपी सांसदों ने कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की और माफी की मांग की। बीजेपी अधीर रंजन और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दोनों से माफी की मांग कर रही है। इस बीच संसद में सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच भी नोकझोंक की खबरें सुनने को मिली। जहां बीजेपी का दावा है कि सोनिया गांधी ने ईरानी के साथ गुस्से में बात की और उन्हें कहा कि “डोंट टॉक टू मी”। तो वहीं, कांग्रेस कह रही है कि सोनिया गांधी के खिलाफ नारेबाजी हो रही थी और इसलिए वो सिर्फ यह पूछने गई थीं कि इस मामले में उनका नाम क्यों लिया जा रहा है। कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा का आरोप है कि बीजेपी सांसद कांग्रेस अध्यक्ष पर चिल्लाए और उनसे गलत तरीके से बात की।