बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने व टर्फ रेखा मध्य भारत से गुजरने के कारण सुस्त पड़े मानसून ने थोड़ी रफ्तार पकड़ी है। हालांकि हरियाणा में इसका असर उत्तरी जिलों पर ही दिखा। हरियाणा प्रदेश के बाकी हिस्से या सूखे रहे या फिर बिखराव वाली गतिविधियां दर्ज की गईं। मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन के अनुसार फिलहाल मानसून को लगातार सक्रिय बनाए रखने को लेकर प्रभावी मौसमी तंत्र लगातार बन रहे हैं, जिनका प्रभाव राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व गुजरात पर देखने को मिल रहा है, क्योंकि टर्फ रेखा भारत के मध्य से गुजर रही है। मगर इस दौरान पिछले दो तीन दिनों से हरियाणा, एनसीआरव दिल्ली में अभी भी उमस व पसीने वाली गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। बुधवार अलसुबह से शाम 7 बजे तक पंचकूला में 78.0, रोहतक में 20.0, यमुनानगर में 11.5, महेंद्रगढ़ जिले में नांगल चौधरी 10.0, कुरुक्षेत्र में 3.0 व करनाल में 2.0 एमएम बारिश दर्ज हुई है जबकि शेष हरियाणा में सीमित स्थानों पर ही बिखराव वाली बारिश की गतिविधियां देखने को मिलीं। इस दौरान प्रदेश में अधिकतम तापमान 33 से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया।