विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शुक्रवार को समाजजनों ने रैली निकाली, जो लालबाग से राजीव गांधी चौराहे तक निकाली गई। जहां आदिवासी संस्कृति और परंपरा की झलक देखी गई। अधिकांश आदिवासी वेशभूषा पहनकर पहुंचे। लोगों ने हाथों में तीर-कमान भी थाम रखा था।
शुक्रवार सुबह 9 बजे लालबाग पर समाजजन इकट्ठा होने लगे, जिसमें कर्मचारी-अधिकारी, विद्यार्थी व महिलाएं भी शामिल थे। सुबह 9.30 बजे लालबाग से रैली शुरू हुई, जो कलेक्टर कार्यालय से सिंधी कालोनी, टावर चौराहा से क्रांतिसूर्य टंटया भील चौराहे होते हुए राजीव गांधी चौराहे तक पहुंचे। करीब एक लाख समाजजन मौजूद थे।
एक तरफ डीजे की धुन पर युवाओं आदिवासी गीतों पर थिरकते रहे। वहीं दूसरी तरफ पारंपरिक वेशभूषा में लोकनृत्य करते रहे। दोपहर 3 बजे राजीव गांधी स्थित शुभ कारज गार्डन पर खत्म हुई। सभा में आदिवासी संस्कृति, जीवन दर्शन, संवैधानिक प्रावधान, समस्याएं एवं समाधान, पदोन्नति में आरक्षण, आदिवास पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने, वनाधिकार मान्यता कानून में ग्राम सभा को सामुदायिक अधिकार पत्र देने सहित अन्य मांगों उठाई गई।