कृषि विभाग पराली जलाने वाले संभावित गांवों को करें चिह्निïत : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण
गांव स्तर पर किसानों को करें जागरुक, निगरानी कमेटियों का किया जाए गठन : उपायुक्त
सिरसा। प्रदेश की मुख्य सचिव केसनी आनंद अरोड़ा ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये बैठक लेकर पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम और फसल अवशेष प्रबंधन की दिशा में कदम उठाने के लिए अधिकारियों के साथ समीक्षा की। उन्होंने जिलावार समीक्षा करते हुए सभी उपायुक्तों व कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों से पराली प्रबंधन की दिशा में जानकारी ली और उन्हें जरूरी दिशा निर्देश दिए। वीडियो कॉफ्रेंस कक्ष सिरसा में उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण, उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल, सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। वीडियो कॉफ्रेंस के उपरांत उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि कोरोना फैलाव के मद्देनजर पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्णत: अंकुश जरुरी है। क्योंकि वातावरण दूषित होने से अनेक तरह की श्वास संबंधी बीमारियों के फैलने की संभावना रहती है, साथ ही इससे कोरोना संक्रमण फैलने का भी अंदेशा बढ़ सकता है। हम सभी का दायित्व बनता है कि वायु प्रदूषण न हो इसके लिए वे ग्रामीणों को जागरूक करें और पर्यावरण प्रदूषण रोकने में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएं। इसमें कृषि विभाग के साथ-साथ सभी विभाग किसानों को जागरुक करने में सहयोग करें। उपायुक्त ने कहा कि प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए पूरी सख्ती और गंभीरता के साथ काम किया जाए। पराली जलाने वाले संभावित गांवों को चिह्निïत करके विशेष योजना के तहत कार्य किया जाए और किसानों को पराली न जलाने के लिए अधिक से अधिक जागरुक करें। उन्होंने कहा कि एनजीटी व माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों की हर हाल में कड़ाई से अनुपालना होनी चाहिए। लोगों में जागरूकता पैदा करके उन्हें यह समझाया जाए कि वे पराली को न जलाए और इसका प्रबंधन करे। इसके अलावा किसानों को यह भी समझाएं कि पराली को जलाने की अपेक्षा उसे आमदनी का साधन बनाएं। पराली जलाने से न केवल वातावरण दूषित होता है बल्कि भूमि की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में पराली जलाने वाले रैड जोन ऐरिया को विशेष रुप से फोकस दिया जाए और योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाए। पराली जलाने की घटनाएं न हो, इसके लिए निगरानी टीमों का गठन कर नोडल अधिकारी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि गांव स्तर पर पंचायतों व किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरुक करें और विशेष रुप से ग्रामीण महिलाओं से भी पराली न जलाने के लिए प्रेरित करें।
मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से पराली जलाने की घटनाओं पर रोकथाम व फसल अवशेष प्रबंधन कार्य की समीक्षा की
BHAWANA GABA