झोपड़ी से शुरू मशरूम की खेती, आज कमा रहा लाखों रूपए हरियाणा,पंजाब और दिल्ली तक मशहूर इनके मशरूम

Parmod Kumar

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सरकार की योजनाओं से किसान अब पंरपरागत खेती छोड़ वैकल्पिक खेती की ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं। फतेहाबाद एक किसान जिसने ६ वर्ष पूर्व एक झोपड़ी से मशरूम की खेती शुरु की आज वह साल के लाखों रुपए कमा रहा है और उसने अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठाया है। इतना ही नहीं उसके इस प्रोजेक्ट से 32 लोगों को रोजगार मिला है। बात गांव फतेहाबाद के गांव आकांवाली के किसान अवतार सिंह। गांव आकांवाली किसान अवतार सिंह ने करीब 7 वर्ष पूर्व एक छोटे सी झोपड़ी से शुरु की मशरूम फार्मिंग अब 2 एकड़ के वातानुकूलित फार्म में तबदील हो चुकी है।

अवतार सिंह ने बताया कि एक दोस्त की मदद से उसने यह शौकिया शुरु किया था, मगर इसमें मुनाफे को देखते हुए उसने धान, गेहूं जैसी परंपरागत खेती को अलविदा कर दिया और सरकार और विभाग की मदद से काम को बढ़ाया जोकि आज बढ़ते बढ़ते 2 एकड़ के वातानूकुलित फार्म तक पहुंच गया है। उसने बताया कि उसकी यह जर्नी यहीं नहीं रूकने वाली, वह इसे आगे बढ़ाने पर काम कर रहे हैें। अवतार सिंह ने बताया कि उसने दो एकड़ के अपने खेत में 3 एसी यूनिट लगा रखे हैं, जिसमें वे मशरूम फार्मिंग करते हैें।  इन तीनों यूनिट पर अब तक करोड़ों रूपए की लागत है जिसमें  सरकार और विभाग की ओर से करीब 32 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिली है।

अवतार सिंह ने बताया कि परपंरागत  खेती जोखिम भरी हो चली थी, कभी मौसम की मार तो कभी फसलों में बीमारी के कारण पैदावार कम होती थी, सारी मेहनत फिजूल चली जाती थी, मगर मशरूम की खेती ने न केवल जोखिम कम किया है बल्कि मुनाफा कई गुना बढ़ गया है। उसने बताया कि अपने इस फार्म में वे 35 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। अवतार सिंह ने बताया कि उसके इस प्रोजेक्ट पर वह अकेले काम नहीं कर रहे, बल्कि उसके भाई, चाचा और उनका पूरा परिवार शामिल हैं।

उसने बताया कि उसके फार्म को देखने के लिए हर रोज किसान विजिट करते हैं और तकनीकी ज्ञान हासिल करते हैं। अवतार सिंह ने सरकार से मांग की है कि मशरूम जैसी वैकल्पिक फसल को भावातंर भरपाई योजना में लाया जाए और इसे सरकार की फसली बीमा योजना में शामिल किया जाए ताकि उन्हें उनकी मेहनत का उचित भाव मिल सके।