अमेरिका में एक ट्रक दुर्घटना के आरोपी भारतीय मूल के 21 साल के ट्रक चालक जशनप्रीत सिंह के परिवार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि उनका बेटा गाड़ी चलाते समय नशे में था। ट्रक चालक के परिवार ने कहा कि वह एक अमृतधारी (बपतिस्मा प्राप्त) सिख है। जिन्होंने कभी नशा या शराब नहीं पी। इससे पहले फॉक्स न्यूज ने बुधवार को कहा कि जशनप्रीत सिंह ने मंगलवार को सदर्न कैलिफोर्निया में धीमी गति से चल रहे वाहनों को अपने ट्रक से कथित रूप से टक्कर मार दी। इससे तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पुलिस के हवाले से खबर में कहा गया कि सिंह ने अपने ट्रक के ब्रेक नहीं लगाए और वाहन ट्रैफिक जाम में घुस गया। खबर में यह भी कहा गया कि जांच में ट्रक चालक के नशे में होने की पुष्टि हुई।
परिवार ने नशे के आरोपों को किया खारिज
पंजाब के गुरदासपुर जिले में रह रहा सिंह का परिवार इस घटना की जानकारी मिलने के बाद से सदमे में है। परिवार गुरदासपुर के पुराना शाला गांव में रहता है। सिंह के पिता रविंदर सिंह ने शुक्रवार को इन आरोपों को निराधार बताया कि दुर्घटना के समय उनका बेटा नशे में था और उन्होंने कहा कि उसने कभी कोई भी नशीला पदार्थ नहीं लिया।
‘मेरा बेटा एक अमृतधारी सिख ’
स्कूल बस के चालक रविंदर ने गुरदासपुर में मीडिया से कहा कि मेरा बेटा नशा नहीं करता। मेरा बेटा एक ‘अमृतधारी सिख’ है। उस पर लगे नशा करने के आरोप पूरी तरह से गलत हैं। रविंदर ने इस दुर्घटना को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद बताते हुए कहा कि वह मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। उन्होंने दुर्घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह जानबूझकर नहीं किया गया।
बेटे का समर्थन करने का अनुरोध किया
उन्होंने केंद्र से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया और अकाल तख्त एवं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) से उनके बेटे का समर्थन करने का अनुरोध किया ताकि उसके साथ कोई अन्याय न हो।
जैसे ही जशनप्रीत की गिरफ्तारी की खबर फैली, ग्रामीण परिवार के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए उसके आवास पर इकट्ठा होने लगे।
मां ने क्या कहा?
उनकी मां जसवीर कौर ने अपने घर के दरवाजे पर हर किसी से विनती की कि मेरे बेटे को बचा लो। रिश्तेदारों ने बताया कि 22 वर्षीय जशनप्रीत ने अमेरिका जाने के लिए ‘डंकी रूट’ अपनाया, लेकिन सिर्फ अपने परिवार का पेट पालने के लिए। उनकी मां ने धीमी आवाज में कहा कि कृपया हमारे बेटे की मदद करें। वह विदेश सिर्फ हमारा भविष्य बनाने गया था, किसी को नुकसान पहुंचाने नहीं। उनके मामा गुरबख्श सिंह ने बताया कि परिवार का साधारण सा घर कर्ज लेकर बनाया गया था। कुलविंदर ने जशनप्रीत को विदेश भेजने के लिए लगभग 40 लाख रुपये खर्च किए, जिनमें से ज्यादातर उसने कर्ज लिया था।
कर्ज लेकर भेजा था विदेश
गुरबख्श ने कहा कि वह कड़ी मेहनत करना चाहता था, कर्ज चुकाना चाहता था और एक छोटा-सा व्यवसाय शुरू करना चाहता था। उन्होंने आगे कहा कि एक बपतिस्मा प्राप्त सिख होने के नाते जशनप्रीत ने कभी ड्रग्स या शराब को हाथ नहीं लगाया। परिवार से मिलने आए किसान नेता और सामाजिक कार्यकर्ता रणजीत सिंह ने केंद्र और पंजाब सरकार दोनों से इस मामले को अमेरिकी अधिकारियों के साथ उठाने का आग्रह किया।














































