लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले हरियाणा में बड़ा सियासी फेरबदल देखने को मिला जहां मनोहर लाल समेत पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद नायब सैनी को हरियाणा का नया सीएम बनाया गया। उन्होंने पांच मंत्रियों के साथ शपथ ली थी। जिसके बाद एक हफ्ते बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। जेजेपी से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने निर्दलीयों के सहारे सरकार बनाई है। सरकार बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 5 निर्दलीय विधायकों को मंगलवार को नायब सैनी ने अपनी कैबिनेट में जगह नहीं दी। इसकी 3 बड़ी वजह सामने आई हैं।
हरियाणा में भाजपा की सरकार बचाने में 6 निर्दलीय विधायकों ने अहम भूमिका निभाई है। इनमें पृथला से विधायक नयन पाल रावत, नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर, पुंडरी विधानसभा से रणधीर सिंह गोलन, बादशाहपुर से विधायक राकेश दौलताबाद और दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान, रानियां से रणजीत सिंह चौटाला शामिल हैं। इसके अलावा हलोपा विधायक गोपाल कांडा का नाम भी शामिल है।















































