भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत टीकरी बॉर्डर पहुंचे, यूपी की हुंकार भरी कहा छह को लखनऊ जाऊंगा किसी ने छेड़ा तो हमारे लोग तैयार बैठे हैं।

Parmod Kumar

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भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश मिशन को लेकर मंगलवार को टीकरी बार्डर से हुंकार भरी। टिकैत बोले कि मिशन उत्तर प्रदेश को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा अगले महीने से पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगा।

टिकैत ने कहा कि उनके लखनऊ जाने को लेकर कहा जा रहा है कि वहां मत जाना। वहां योगी है। लेकिन वह बताकर जा रहे हैं। छह तारीख को लखनऊ जाएंगे। किसी ने हमें छेड़ा तो फिर हमारे लोग भी तैयार बैठे हैं। चिंता करने की जरूरत है। अब आर-पार होगा। टिकैत मंगलवार को टीकरी बॉर्डर पर सभा खत्म होने के बाद पहुंचे थे। हालांकि उनके पहुंचने के बाद माइक को फिर चालू किया गया। कुछ आंदोलनकारी पंडाल में जुटे।

इधर, आंदोलन के बीच ही सेक्टर-9 पार्क के नजदीक अखाड़ा बना दिया गया है। यहां का भी टिकैत ने फीता काटकर उद्धाटन किया। बाद में दो पहलवानाें की कुश्ती भी करवाई। फिर टीकरी बॉर्डर के मंच से टिकैत बोले कि पहले कांवड़ यात्रा हरिद्वार से शुरू होती थी और गांव में गंगाजल लेकर आते थे। अब कांवड़ यात्रा गांव से चलती है और बॉर्डर पर जहां किसान बैठे हैं वहां मिट्टी व जल लाया जा रहा है।

किसानों को जान-बूझकर छेड़ा जा रहा

टिकैत ने आरोप लगाया कि सत्तारुढ़ भाजपा के लोग किसानों के साथ जानबूझकर छेड़खानी कर रहे हैं। जो हमारा उत्तर प्रदेश मिशन है। वह लखनऊ से शुरू होगा। संयुक्त किसान मोर्चा की वहां पर पांच सितंबर को पहली पंचायत होगी। यह कोई राजनीतिक मिशन नहीं है। यह किसान मोर्चा का मिशन है। उसकी हम तैयारी कर रहे हैं। लखनऊ में हम मंडल और संभाग सभी में जाएंगे। अपनी बात रखेंगे।

तीनों कानून वापसी तक चलेगा आंदोलन

टिकैत ने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि जहां पर चुनाव है, हम वहीं पर जा रहे हैं। बल्कि हाल ही में मध्य प्रदेश, तमिलनाडु व कर्नाटक का दौरा भी किया जाना है। टिकैत ने कहा कि जब तक सरकार बातचीत शुरू नहीं करेगी, तीन कानून वापस नहीं लेती और एमएसपी पर गारंटी कानून नहीं बनाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

टीकरी बॉर्डर आंदोलन को सबसे लंबा आंदोलन बताया

राकेश टिकैत ने टीकरी बॉर्डर आंदोलन को सबसे लंबा आंदोलन बताया और कहा कि अगर इस आंदोलन में कोई बीच में नहीं आता है तो आखिरमें एक ही बचेगा। तो सरकार बचेगी या किसान बचेगा। किसानों को शांति बनाए रखनी है। यह आंदोलन लंबा चलेगा। टिकैत बोले कि खाप पंचायत और सिख गुरुओं का संबंध आज का नहीं है बहुत पुराना है। हम अपने पूर्वजों की विचारधारा को साथ लेकर चल रहे हैं। जीत किसानों की होगी।