उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि जिला में पिछले वर्षों में कपास की फसल में गुलाबी सुंडी का प्रकोप रहा है। जिसके मद्देनजर गुलाबी सुंडी की रोकथाम व प्रबंधन सहित देशी कपास के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा तीन हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से अनुदान मुहैया कराया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि अनुदान प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी है। इच्छुक किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए आगामी 31 मई तक विभाग की वेबसाइट www.agriharyana.gov.in पर पंजीकरण करवाना होगा। जिसके उपरांत विभाग द्वारा खेतो का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। ठीक पाए जाने पर अनुदान राशि आरटीजीएस डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि अनुदान योजना में कृषि क्षेत्र व अनुदान राशि की कोई अधिकतम सीमा नही रखी गयी है।
उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल ने कपास की खेती करने वाले किसानों से अपील करते हुए कहा कि खेतों में रखी हुई कपास की लकडिय़ों को झड़वाकर किसी अन्य स्थान पर रखवाएं व उनके बचे अवशेषों को नष्ट करवा दें। जिनकिंग मिलों व तेल मिलो में निगरानी रखते हुए कपास व बिनौला को बंद कमरे में या पॉलीथीन से ढक कर भंडारित करे व समय-समय पर फ्यूमिगेशन करें। उन्होंने कहा कि किसान बीटी कपास की अच्छी उत्पादकता के लिए उत्तरी भारत के लिए अनुमोदित कपास की ही बुआई करें। उपरोक्त अनुदान योजना के विषय में अधिक जानकारी के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग सिरसा में सपंर्क किया जा सकता है।
देशी कपास पर अनुदान के लिए पंजीकरण प्रक्रिया जारी, 31 मई तक करें आवेदन
Parmod Kumar