पंजाब कांग्रेस चीफ के पद से इस्तीफा देने के करीब 18 घंटे बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रतक्रिया दी है. उन्होंने कहा है ‘मेरा किसी के साथ कोई व्यक्तिगत द्वेष नहीं है. मेरे राजनीतिक करियर के 17 साल एक उद्देश्य के लिए रहे हैं.’ सिद्धू ने कहा ‘लोगों के जीवन में बदलाव लाना, दृढ़ तरीके से अपने फैसले पर खड़ा रहना और लोगों के जीवन को बेहतर बनाना ही मेरा धर्म है. मैं अपनी नैतिकता, नैतिक अधिकार से समझौता नहीं कर सकता. मैं जो देख रहा हूं वह पंजाब में मुद्दों, एजेंडा के साथ समझौता है.’ सिद्धू ने कहा – ‘मैं पंजाब के मुद्दों के लिए देर तक लड़ता रहा… दागी नेताओं, अधिकारियों की एक व्यवस्था थी, अब आप उसी प्रणाली को दोबारा नहीं दोहरा सकते… मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा.’
सिद्धू ने कहा ‘मेरी लड़ाई मुद्दे, मसले की है. मेरी लड़ाई एक एजेंडे की है. मैं हक और सच की लड़ाई लड़ता रहा. मेरे पिता ने मुझे हमेशा सिखाया है कि अगर दो रास्ते हो तो हमेशा सच का साथ दो.’ अपने ट्विटर अकाउंट पर 4.39 मिनट के एक वीडियो में सिद्धू ने कहा ‘मैं ना हाईकमान को गुमराह कर सकता हूं और ना ही खुद को गुमराह करूंगा. मैं पंजाब के लोगों की बेहतर जिन्दगी की लड़ाई के लिए किसी भी चीज की कुर्बानी दूंगा. दागी नेताओं और अफसरों को दोबारा लाकर उनको फिर से मौका नहीं दिया जा सकता है. मैं इसका विरोध करता हूं. सिद्धू ने कहा कि जिन लोगों ने मांओं की गोदें सूनी की उन्हें परहरेदार नहीं बनाया जा सकता है.’
सिद्धू ने मंगलवार को दिया था इस्तीफा
सिद्धू ने मंगलवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कुछ अन्य लोगों के इस्तीफे के कारण राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में एक नया संकट पैदा हो गया है. सिद्धू के इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में 18 सदस्यीय नये मंत्रिमंडल में शामिल रजिया सुल्ताना ने भी पूर्व क्रिकेटर के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया.
पंजाब की कांग्रेस इकाई के महासचिव योगिन्दर ढिंगरा और कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है. इस राजनीतिक संकट के बीच कई नेता आज सिद्धू के पटियाला स्थिति आवास पर उनसे मिलने भी पहुंचे.