Navratri 2025: नवरात्रि के 9 दिन नहीं रख पा रहे व्रत, ये सात्विक भोजन अपनाकर मन रखें शुद्ध!

parmodkumar

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लाइफस्टाइल डेस्क। नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की उपासना और साधना का विशेष समय माना जाता है। इस दौरान अधिकांश लोग नौ दिन तक व्रत रखते हैं, लेकिन कुछ लोग स्वास्थ्य कारणों या व्यक्तिगत परिस्थितियों के चलते व्रत नहीं रख पाते।

ऐसे में शास्त्रों में नवरात्रि में व्रत न रखने वालों के लिए भी खास आहार संबंधी नियम बताए हैं। इन नियमों का उद्देश्य नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मन और आत्मा को भी शुद्ध रखना है, इसलिए व्रत न रखने पर भी खानपान में सात्विकता बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है।

सात्विक भोजन का महत्व

हिंदू धर्मग्रंथों और शास्त्रों में व्रत न रखने वाले लोगों को भी सात्विक भोजन करने की सलाह दी गई है। इसका अर्थ है भोजन में लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा और तामसिक पदार्थों का त्याग करना। सात्विक आहार जैसे दूध, दही, फल, ताजे सब्जियां, दाल और अनाज का सेवन शरीर को हल्का और मन को शांत रखता है।

अनाज और फलाहार पर जोर

व्रत न रखने वाले लोग भी इस अवधि में गेहूं, चावल और अन्य भारी अनाज की जगह हल्के और आसानी से पचने वाले विकल्पों को अपनाएं। शास्त्रों में फलों और फलाहारी भोजन को विशेष महत्व दिया गया है। केला, सेब, अनार, मौसमी और नारियल पानी जैसे प्राकृतिक खाद्य पदार्थ ऊर्जा और ताजगी देते हैं।

परहेज और अनुशासन

शास्त्र कहते हैं कि नवरात्रि में व्रत न रखने पर भी भोजन के समय संयम जरूरी है। अति भोजन से बचें और दिनचर्या को अनुशासित रखें। मसालेदार और तैलीय भोजन से दूरी बनाना इस अवधि में शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए श्रेष्ठ माना गया है।