लखनऊ में डिलीवरी बॉय भरत कुमार प्रजापति (32) हत्याकांड का मुख्य आरोपी साथी की मदद से अपनी बहन के सामने ही शव को बैग में भरकर कार से ले गया था। ये खुलासा पुलिस की तफ्तीश में हुआ है। बहन को ही मामले में पुलिस ने गवाह बनाया है। उधर, मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी को मंगलवार शाम कोर्ट में पेश किया, वहां से वह जेल भेजा गया। मुख्य आरोपी अभी भी गिरफ्त से दूर है।
चिनहट निवासी गजानन दुबे उर्फ गजेंद्र उर्फ राज ने अपने पड़ोसी हिमांशु कनौजिया के जरिये एक लाख रुपये के दो मोबाइल ऑनलाइन ऑर्डर किए थे। 24 सितंबर की दोपहर सतरिख रोड सविता विहार निवासी डिलीवरी बॉय भरत कुमार मोबाइल डिलीवर करने पहुंचा था। इस दौरान गजानन ने अपने साथी आकाश शर्मा के साथ मिलकर भरत की हत्या कर दी थी।
मोबाइल और नकदी लूट ली थी। गुमशुदगी दर्ज करने के बाद सोमवार को पुलिस ने घटना का पर्दाफाश किया था। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि आरोपी आकाश शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। उसके पास से मृतक का मोबाइल व उससे लूटा गया वो सामान जो भरत डिलीवरी करने के लिए निकला था वह सब बरामद हुआ है। गजानन की तलाश में तीन टीमें लगाई गई हैं।
साजिश में शामिल नहीं थी बहन
जिस घर में वारदात को अंजाम दिया उसमें किराये पर गजानन अपनी बहन के साथ रहता था। उसकी बहन महानगर स्थित मेडिकल स्टोर पर काम करती है। वारदात के दिन वह काम पर थी। जब वह घर पहुंची थी तब तक आरोपी भरत की हत्या कर शव बैग में रख चुके थे। पुलिस को पूछताछ में उसकी बहन ने बताया कि शाम को जब वह घर पहुंची थी तो बैग को गजानन व आकाश मिलकर घर से बाहर ले जा रहे थे। बैग को कार में रखकर चले गए थे। जांच में सामने आया कि गजानन की बहन की भूमिका वारदात में नहीं है। इसलिए उसको गवाह बनाया है !
सामान डिलीवर करने की कोशिश की
डीसीपी के मुताबिक भरत कुल 49 पैकेट डिलीवर करने निकले थे। इसमें 18 लोगों को वह सामान डिलीवर कर चुके थे। जब मोबाइल देने पहुंचे थे तब हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद बचा हुआ सामान गजानन डिलीवर करने निकला था। तीन लोगों को सामान दे भी दिया था। फिर लौट आया था।
लैपटॉप के चार्जर की केबल से कसा था गला
पुलिस के मुताबिक पहले दोनों ने मिलकर भरत को जमकर पीटा था। फिर आकाश उसके हाथ पकड़कर ऊपर बैठ गया था। तब गजानन ने लैपटॉप के चार्जर की केबल से उसका गला कस दिया था।
हिमांशु को फिलहाल क्लीनचिट
पुलिस ने हिमांशु को भी हिरासत में लिया था। उसी ने अपने मोबाइल से दोनों मोबाइल ऑर्डर किए थे। जांच में सामने आया कि हिमांशु की भूमिका अब तक नहीं पाई गई है। गजानन ने साजिश के तहत हिमांशु से मोबाइल ऑर्डर कराया था। ताकि अगर पुलिस मामले में आए तो हिमांशु तक पहुंचे। हिमांशु को घटना की जानकारी भी नहीं थी। जब पुलिस उस तक पहुंची थी तब उसने बताया था कि मोबाइल गजानन ने ऑर्डर कराए थे। भरत ने हिमांशु को जब कॉल की थी तब उसने गजानन से कांफ्रेंसिंग पर बात कराई थी। इसकी कॉल रिकॉर्डिंग भी पुलिस को सौंपी।