केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि राज्यसभा के निलंबित सदस्यों द्वारा अपने आचरण के लिए माफी मांगे जाने के बाद ही उनका निलंबन रद्द करने पर विचार किया जाएगा। प्रसाद की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी दलों ने आठ सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए उच्च सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। उच्च सदन में सबसे पहले कांग्रेस सदस्यों ने कार्यवाही का बहिष्कार किया। इसके बाद आप, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों ने भी कार्यवाही का बहिष्कार किया। बाद में एनसीपी, सपा और राजद के सदस्य भी सदन से बाहर चले गए। प्रसाद ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘हमें उम्मीद थी कि कांग्रेस राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों के अमर्यादित आचरण का विरोध करेगी।’ उन्होंने कहा, ‘राज्यसभा के निलंबित सदस्यों द्वारा अपने आचरण के लिए माफी मांगे जाने के बाद ही उनका निलंबन रद्द करने पर विचार किया जाएगा।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा ‘यह किस प्रकार की राजनीति है… जब विदेश से ट्वीट आता है… और सांसद इस प्रकार का व्यवहार करते हैं…।’ समझा जाता है कि ट्वीट को लेकर प्रसाद का इशारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संदर्भ में था जो अभी अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चिकित्सा जांच कराने के लिये उनके साथ विदेश गए हुए हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘हमने पहले कभी ऐसा नहीं देखा कि कांग्रेस का कोई सांसद राज्यसभा की टेबल पर चढ़कर नृत्य करे और दस्तावेज फाड़े।’ उन्होंने कहा कि राज्यसभा में सरकार के पास कृषि संबंधी विधेयक पारित कराने के लिये रविवार को स्पष्ट बहुमत था।