प्रधानमंत्री के नए भारत के निर्माण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम नए हरियाणा को विकसित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
हरियाणा में हमारी सरकार के नौ वर्ष पूरे हो रहे हैं। नौ वर्ष पूर्व प्रदेश को नए सिरे से विकास के मार्ग पर लाना असंभव-सा लगता था। भ्रष्टाचार चरम पर था। समाज जातियों में बंटा था। जनता में सरकारी तंत्र और राजनीतिक दलों के प्रति भारी आक्रोश था। अर्थव्यवस्था बेहाल थी, सामाजिक कूरीतियां चरम पर थीं और पूरे देश को भोजन कराने वाला किसान आत्महत्या करने पर मजबूर था।
मैं प्रारंभ से ही टेक्नोलॉजी से काफी नजदीक से जुड़ा रहा। इसलिए लगा कि इसकी मदद से ही एक नए हरियाणा का निर्माण किया जा सकता है। हमारी सरकार ने ‘हरियाणा एक, हरियाणवी एक’ की नीति पर चलने का निर्णय लिया। इसमें हमारी फ्लैगशिप स्कीम परिवार पहचान पत्र ने बड़ी भूमिका निभाई। इसके तहत प्रदेशवासियों का पूर्ण विवरण इकट्ठा किया जा रहा है। इससे लोगों को किसी भी विभाग में कोई भी दस्तावेज जमा करने के झंझट से छुटकारा मिल गया। आज प्रदेश के 96 फीसदी से अधिक परिवारों के पास पीपीपी आईडी है।
मैंने तय किया था कि गरीब, पिछड़ों, दलितों व शोषितों को सम्मानित जीवन देना हमारा ध्येय होना चाहिए। हमने बीपीएल परिवारों की न्यूनतम 1.80 लाख रुपये तक सालाना की। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बना। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत हमारा लक्ष्य प्रदेश के एक लाख अति गरीब परिवारों की आय बढ़ाना है। पहले चार चरणों में आयोजित अंत्योदय मेलों में करीब 50 हजार परिवारों को बैंकों से ऋण मुहैया कराए गए।
हमने प्रधानमंत्री के आह्वान पर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान चलाया। आज प्रदेश में लड़कियां उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। लिंगानुपात भी 2014 के 871 से बढ़कर सितंबर, 2023 में 932 हो गया। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों की सुनवाई के लिए 16 फास्ट ट्रैक अदालतें गठित हुई हैं और 12 वर्ष तक की बच्चियों से बलात्कार में फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है।
नौकरियों के लिए आवेदन से लेकर चयन तक की प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाकर पारदर्शी बना दिया गया है। ग्रुप डी सहित सभी समूहों के लिए सभी लिखित परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया गया। ग्रुप सी और डी पदों के लिए साक्षात्कार रोक दिए गए, जहां पहले परिणामों में हेरफेर किया गया था। कॉमन पात्रता परीक्षा की शुरुआत की, ताकि युवाओं को नौकरी के लिए न तो बार-बार आवेदन करना पड़े और न हर बार फीस देने की नौबत आए। ग्रुप सी के लिए अब तक 11 लाख युवा परीक्षा में बैठ चुके हैं। ग्रुप डी की परीक्षा 22 अक्तूबर को संपन्न हुई, जिसमें 8.51 लाख उम्मीदवार शामिल हुए। बेरोजगारों के लिए भत्ते की व्यवस्था की।
नतीजतन राज्य की बेरोजगारी दर पीएलएफएस जुलाई-सितंबर, 2023 के अनुसार, 6.5 प्रतिशत तक सीमित हो गई है, जो राजस्थान और पंजाब से कम है। वर्ष 2014 से पूर्व प्रदेश में नया निवेश आना बंद हो गया था। ऐसे में, नए निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाया गया। भ्रष्टाचार के छिद्रों को बंद करने से राजस्व की हानि भी रोकी गई। राजस्व में उछाल भी दिखने लगा है, जो अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण का भी असर है। प्रदेश की आर्थिक विकास दर सात प्रतिशत के पार है, तो प्रति व्यक्ति आय 2014 के 1.35 लाख रुपये से बढ़कर जून, 2023 में 2.96 लाख रुपये से अधिक हो चुकी है।
मुझे किसानों की हरदम चिंता रहती थी। इसमें भी टेक्नोलॉजी का मेरा अनुभव काम आया। ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ योजना से न केवल किसान को उपज बेचने की सहूलियत हो गई है, बल्कि उसका पैसा उनके बैंक खाते में ट्रांसफर होने लगा है। अब तक 85 हजार करोड़ रुपये की राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है।
हम हरियाणा को एक आदर्श, विकसित राज्य की तरफ ले जाना चाहते हैं। हमने जिन योजनाओं की शुरुआत की है, उन्हें अन्य राज्य भी अपनाने लगे हैं। आगामी एक नवंबर को हरियाणा 57 वर्ष का हो जाएगा। प्रधानमंत्री के नए भारत के निर्माण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम नए हरियाणा को विकसित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। आजादी के अमृत काल के समापन पर वर्ष 2047 में हम हरियाणा को देश के एक अग्रणी विकसित राज्य के रूप में देखना चाहते हैं।