अब हरियाणा के टेक्निकल यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग पढ़ाई हिंदी भाषा में शुरू होगी, जानिए पूरी डिटेल?

Parmod Kumar

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हरियाणा के तीन तकनीकी विश्वविद्यालयों में सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का कोर्स इस सत्र से हिंदी भाषा में शुरू होगा। तीनों कोर्स में 30-30 अतिरिक्त सीटें शुरुआत में रखी गई हैं। तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये कोर्स दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (मुरथल) सोनीपत, जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी वाईएमसीए, फरीदाबाद और गुरु जंभेश्वर विज्ञान प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार में शुरू होंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

– तकनीकी शिक्षा विभाग इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले सभी निजी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों की बैठक आयोजित करेगा। उन्हें तीनों विषयों में अतिरिक्त सीटों के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

– बैठक में एआईसीटीई के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हरियाणा, दिल्ली से जेईई प्रवेश परीक्षा में हिंदी में उपस्थित हुए उम्मीदवारों की सूची उन्हें मुहैया कराई जाए।

– इस सत्र से उन्हें कोर्स में हिंदी भाषा का विकल्प भी उपलब्ध होगा। वर्तमान में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम कट ऑफ तिथि 25 अक्तूबर 2021 है।

– हरियाणा सरकार एआईसीटीई से अनुरोध करेगी कि वह 30 नवंबर 2021 तक इन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश की अंतिम कट ऑफ तिथि करें। ये पाठ्यक्रम हिंदी भाषा में तभी शुरू किए जाएंगे जब प्रत्येक कोर्स में न्यूनतम 20 विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा।

– उन्होंने बताया कि भारत सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार किसी भी सेवानिवृत्त या सेवारत आईएएस अधिकारी, कुलपति व प्रसिद्ध शिक्षाविद की अध्यक्षता में विशेष कार्य बल (टास्क फोर्स) का गठन करेगी। इसमें दो सलाहकार और तीन शिक्षा विशेषज्ञ भी होंगे। यह कार्य बल क्षेत्रीय भाषा में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन की निगरानी करेगा। साथ ही अन्य राज्यों द्वारा अपनाए गए मॉडलों का अध्ययन कर सरकार को अपनी सिफारिशें, सुझाव देगा।

– अनिल विज ने बताया कि एआईसीटीई ने राज्य सरकार के खर्चे पर चरणबद्ध तरीके से तीनों कोर्स के लिए हिंदी भाषा में पुस्तकें उपलब्ध कराने पर सहमति जताई है। एआईसीटीई क्षेत्रीय भाषा (हिंदी) में व्यावसायिक, इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने को भी तैयार है। क्षेत्रीय भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार शिक्षकों को अतिरिक्त मानदेय भी देगी।