अब फाइनल सिद्धू और अमरिंदर की टीम लड़ाई के लिए तैयार, क्या पंजाब कांग्रेस में आने वाला है तूफान।

Parmod Kumar

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  • कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कम नहीं हो रहा तनाव
  • सिद्धू से माफी मंगवाने पर अड़े अमरिंदर पर सिद्धू के खेमे ने किया पलटवार
  • परगट सिंह ने कहा अमरिंदर माफी मांगे क्योंकि उन्होंने पूरे नहीं किए जनता से किए वादे
  • अब फाइनल लड़ाई के लिए तैयार सिद्धू और अमरिंदर सिंह का खेमा

जालंधर
कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू का खेमा अब भी बंटा हुआ है। सिद्धू के माफी मांगने की मांग पर अड़े अमरिंदर सिंह से नवजोत सिंह सिद्धू खेमे ने किसी भी तरह की माफी मांगे से इनकार किया है। इसके विपरीत अब सिद्धू का खेमा चाहता है कि पंजाब सीएम कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष से माफी मांगे।

यह स्पष्ट होता जा रहा है कि पार्टी आलाकमान दोनों के बीच शांति चाहता है, लेकिन दोनों एक साथ काम नहीं कर सकते और दोनों पक्ष तालमेल के अपने विकल्पों को बंद कर रहे हैं। अमरिंदर के मीडिया सलाहकार ने मंगलवार की रात को यह स्पष्ट कर दिया कि वह सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक कि वह सीएम पर हमला करने वाले अपने ट्वीट के लिए माफी नहीं मांगते। वहीं परगट सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि अमरिंदर को माफी मांगनी चाहिए क उन्होंने राज्य की जनता से किए गए अपने वादे पूरे नहीं किए।

अमरिंदर की प्रतिष्ठा पर सवाल
कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, सिद्धू और अमरिंदर के बीच चल रही इस लड़ाई में कई विधायक सिद्धू के खेमे में शामिल हो रहे हैं। वे अपना रुख सख्त कर रहे हैं और दोनों ही खेमों में यह लग रहा है कि वे द्वंद्व के अंतिम दौर के लिए तैयार हैं। एक कांग्रेसी नेता ने कहा कि अमरिंदर की छवि और प्रतिष्ठा खराब हो गई है, क्योंकि उनकी मर्जी के खिलाफ और विरोध के बावजूद सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान दी गई है।

दोनों में से एक चुनने की तैयारी
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि अब अमरिंदर की कुर्सी को भी खतरा है क्योंकि कई विधायक अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए सिद्धू के पास जा रहे हैं। विधायकों को दोनों में से किसी एक को चुनना पड़ सकता है और उनके सख्त रुख से पता चलता है कि वह सिद्धू को चुनने की तैयारी कर रहे हैं।

सिद्धू पर पलटवार का मौका
सीएम ने पहले ही पार्टी आलाकमान के लिए काम कठिन बना दिया था क्योंकि उनके खेमे ने ‘सांप्रदायिक और जाति संतुलन’ कार्ड खेला था और पीसीसी में अब चार कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। पार्टी की राज्य इकाई के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस सांसदों का उनके साथ हाथ मिलाना और विशेष रूप से उनके कट्टर प्रताप सिंह बाजवा के साथ हाथ मिलाना भी इस बात का संकेत था कि अब सिद्धू के जीवन को कठिन बनाने और सीएम की कुर्सी को उनके लिए सपना बनाने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

अमरिंदर के पाले में विधायकों के लौटने का दावा
इस बीच, कुछ विधायक दो नावों में सवार होकर दोनों तरफ से दिखाई देने की कोशिश कर रहे हैं। एक कांग्रेस विधायक, जो अभी भी अमरिंदर के प्रति वफादार है, उन्होंने खुलासा किया कि मंगलवार तक, सिद्धू को बधाई देने वाले कुछ विधायक सीएम के पास वापस आए हैं। क्षमा याचना अब पीछे हो गई है और अब अगला दौर यह हो सकता है कि कौन पहले हमला करता है और कैसे।