भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए, लोगों को सुशासन देने के लिए और सरकारी काम करने की एवज में सुविधा शुल्क मांगने वाले कर्मियों पर नकेल कसने के लिए प्रदेश सरकार सरगर्मी से कार्य करती दिखाई देती है। सरकार ने भ्रष्ट कर्मियों और विभागों की काली भेड़ों पर लगाम लगाने के लिए ऐसा कार्य कर दिया है कि अब जहां भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मियों का बच पाना लगभग नामुमकिन होगा वहीं उनके हाथों के लाल होने के साथ ही अब शर्म के मारे उनका मुंह भी लाल होना सुनिश्चित कर दिया गया है। सरकार ने ऐसा पोर्टल तैयार कर दिया है जिसमें भ्रष्ट अधिकारी की तस्वीर अपलोड की जाएगी।
प्रदेश सरकार ने विजिलेंस विभाग में 11 एसवीओ यानि स्पेशल विजिलेंस ऑफिसर नियुक्त किए हैं। नियुक्त किए गए एसवीओ में पूर्व आईएएस, पूर्व सहायक निदेशक अभियोजन स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं तो डिस्ट्रिक्ट अटार्नी स्तर के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। इन विशेष अधिकारियों को अनेक प्रकार की स्पेशल पॉवर दी जाएंगी जिसके बाद प्रदेश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के कार्य में अभूतपूर्व रूप से कार्य शुरु किया जाएगा।
इसलिए करनी पड़ी नियुक्ति
प्रदेश सरकार आए दिन प्रदेश के अलग अलग भागों से गिरफ्त होने वाले भ्रष्ट अधिकारियों से काफी परेशान थी। इसके साथ ही अनेक प्रकार की ऐसी शिकायतें मिलती थीं कि सरकारी अधिकारी काम करने की एवज में मोटी राशि की मांग कर रहे हैं या राशि वसूली गई है। ऐसी घटनाएं और शिकायतें सरकार की साख पर बट्टा लगाने का काम कर रही थीं। साथ ही घटनाएं भले ही कम हों लेकिन चर्चाएं अधिक होने के चलते भी प्रदेश में यह मैसेज जा रहा था कि भ्रष्टाचार के स्तर में बढोतरी हुई है। इन बातों को गंभीरता से लेते हुए ही सरकार द्वारा बीते काफी समय से ऐसा कदम उठाने का प्रयास किया जा रहा था जो प्रभावी हो, प्रदेशवासियों को पता लग सके कि सरकार द्वारा इस दिशा में ऐसा सकारात्मक कदम उठाया गया है जिसका प्रभाव हर एक आदमी पर पडने वाला है। इसी कारण से ही सरकार को 11 ऐसे स्पेशल विजिलेंस ऑफिसर नियुक्त करने पड़े हैं जो अब भ्रष्टाचार पर पूर्ण रूप से रोक लगाने का काम करते नजर आएंगे।
ऐसे करेंगे काम एसवीओ
स्पेशल विजिलेंस अधिकारियों में से एक करनाल निवासी पूर्व सहायक निदेशक अभियोजन शशिकांत शर्मा को चीफ एसपीओ बनाया गया है। सभी 11 अधिकारियों में प्रदेश के सभी विभागों का बंटवारा किया जाएगा। सभी अधिकारी प्रदेश के विजिलेंस विभाग से सीधे तौर पर जुड़े रहेंगे। इन अधिकारियों को पंचकूला में कार्यालय उपलब्ध करवाए जाएंगे जहां से वे अपने सभी कार्यों को अंजाम देंगे। अधिकारी बताते हैं कि तीन अलग अलग चरण में वे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने का काम करेंगे। पहले चरण में सरकारी विभागों के अधिकारियों को भ्रष्टाचार से दूर रहने की अपील करने का अभियान चलाया जाएगा। दूसरे में लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें भ्रष्ट अधिकारियों की जानकारी विभाग तक पहुंचाने का आह्वान किया जाएगा और तीसरे अभियान में वे ग्राऊंड लेवल पर काम करते हुए भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने का काम करेंगे। इन एसवीओ ने चंड़ीगढ़ में कार्यभार संभाल लिया है और जल्द ही वे प्रदेश में काम करते भी नजर आएंगे।
हाथ के साथ अब मुंह भी होगा लाल
अधिकारी बताते हैं कि पहले भ्रष्ट अधिकारियों को गिरफ्तार करने के समय पर उनके हाथ लाल होते थे। अधिकारी पर नकेल कसी जाती थी, उसके खिलाफ कार्यवाही होती थी और उसे जेल भेज दिया जाता था लेकिन अगर हिसार में कोई भ्रष्ट अधिकारी पकड़ा जाता था तब प्रदेश के दूसरे कोने में किसी को इसकी जानकारी नहीं होती थी। अब हाथ के साथ साथ भ्रष्ट अधिकारी का मुंह भी लाल करने की तैयारी है। सरकार द्वारा ऐसा काम कर दिया गया है कि भ्रष्ट अधिकारी अगर जेल से छूटकर भी आ जाएगा तब भी वह किसी को अपना मुंह नहीं दिखा पाएगा। सरकार ने ऐसा पोर्टल तैयार कर दिया है जिसमें भ्रष्ट अधिकारी की तस्वीर अपलोड की जाएगी। साथ ही उसने किससे रिश्वत मांगी थी, किस ऐवज में मांगी थी, कितना पैसा लिया गया था समेत पूरी जानकारी भी अपलोड की जाएगी। यह जानकारी तीन साल के लिए पोर्टल पर अपलोड रहेगी। ऐसे में प्रदेश के किसी भी कोने में पकड़े जाने वाले भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी की जानकारी पूरी दुनिया में सांझी हो जाएगी।