शुरूआत में 5000 रपये फीस थी। फिर 2500 रुपये की फीस देकर काम कराना पड़ता था। सरकार ने प्रॉपर्टी आईडी पर आपत्ति दर्ज करवाने वाले लोगों को राहत दी है। तत्काल योजना के तहत महज दो दिन में आपत्ति का समाधान करना होता है।

प्रॉपर्टी आईडी की जानकारी को तुंरत प्रभाव से दुरुस्त करवाने वाले तत्काल समाधान के विकल्प में सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब महज एक हजार रुपये की फीस देकर शहर के लोग तत्काल समाधान विकल्प के माध्यम से अपनी संपत्तियों की जानकारी पर आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं। इससे पहले इस विकल्प की फीस 2500 रुपये थी। जबकि उससे पहले शुरुआती दौर में सरकार ने इसे 5000 रुपये की फीस से चालू किया था। जो अब महज हजार रुपये निर्धारित की गई है।
तत्काल समाधान विकल्प की खास बात ये है कि इसमें संपत्ति की गलत जानकारियों को सिर्फ दो दिन में ठीक करवाया जा सकता है। तत्काल समाधान विकल्प की आपत्तियां निगम अधिकारियों को अपने पोर्टल पर सबसे पहले दिखेंगे।
किसी भी दो कार्यदिवस में अगर समाधान नहीं होता है तो ये शुल्क निगम को वापस भी देना पड़ता है। हालांकि कई बार ऐसा भी हुआ है जिसमें फीस कटवाने के बाद आवेदक को रिफंड राशि नहीं मिली और आवेदन भी निकाय पोर्टल तक नहीं पहुंचा।
सबसे ज्यादा संपत्ति पंजीकरण करवाने वालों को फायदा
तत्काल समाधान विकल्प का सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होता है जिनको अपनी संपत्ति का पंजीकरण करवाना हो और उनके पास समय न हो। वहीं, जो कामकाजी लोग निगम के चक्कर भी नहीं काटने चाहते हैं और जिन्हें तुंरत प्रभाव से अपनी संपत्ति की जानकारी दुरुस्त करवानी हो। इस विकल्प से ऑनलाइन पोर्टल पर आपत्ति दर्ज करवाई जा सकती है। यहीं पर विकल्प के माध्यम से ऑनलाइन फीस भी कटवाई जा सकती है।
दुरुस्त के साथ कर में भी छूट का लें लाभ : निगम
सरकार के एनडीसी यूएलबी पोर्टल पर किसी भी संपत्ति की जानकारी दुरुस्त करवाने के लिए आपत्ति दर्ज करवाई जा सकती है। इसे दो कार्यदिवस में ठीक करवाने के लिए तत्काल समाधान का विकल्प दिया है। वहीं, लोग यहीं पर अपनी संपत्ति का स्वयं सत्यापन कर प्रॉपर्टी टैक्स में छूट भी ले सकते हैं।