बढ़ते पॉल्यूशन (Pollution) से निपटने के लिए हरियाणा में एक्शन प्लान बनाया गया है. कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के साथ बैठक के बाद खट्टर सरकार ने ये एक्शन प्लान बनाया है. इस एक्शन प्लान के तहत दिल्ली से सटे 4 जिलों के अंदर ऑड- इवन फार्मूला (Odd-Even Formula) लागू हो सकता है. वहीं प्रदेश के 14 जिलों में 21 नवंबर तक वर्क फ्रॉम होम के लिए आदेश दिए गए है. वहीं सरकारी दफ्तरों में 50% स्टाफ पर वर्क फ्रॉम होम लागू होगा. निजी उद्योगों में भी 50% वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी गई है. इसके साथ ही 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को भी चिन्हित किया जाएगा. 21 नवंबर तक प्रदेश के दिल्ली से लगते 4 जिलों में स्कूल बंद किये गए है.
वहीं खुले में कचरा जलाने की गतिविधियों पर भी रोक लगाई जाएगी. बिना कवर की गई निर्माण सामग्री ले जा रहे भारी वाहनों पर भी कार्रवाई होगी. एनसीआर क्षेत्र में निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाई गई है. बता दें कि दिल्ली और पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के प्रकोप को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए केन्द्र और राज्य सरकार दोनों से जवाब तलब किया था.
सर्वोच्च न्यायालय तक मामला पहुंचने के बाद हरकत में आई हरियाणा सरकार ने हरियाणा के 4 जिलों यानि गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर और सोनीपत में शिक्षण संस्थानों के साथ ही कोयले और प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले कंपनियों को बंद करने का आदेश दिया था. लेकिन उसके बाद भी प्रदूषण कम होने की बजाए लगातार बढ़ता चला गया. अब प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों के साथ मिलकर एक्शन प्लान तैयार किया है.
बुधवार को गुरुग्राम पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पॉल्यूशन की समस्या गंभीर है. यह समस्या नई नहीं बल्कि, पिछले कई वर्षों से हम झेल रहे हैं. इसका सीधा असर आमजन के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार स्कूल-कॉलेज के अलावा अन्य शिक्षण संस्थान और कुछ ओद्योगिक इकाईयों को भी बंद किया गया है