जींद. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला जींद के खटकड़ टोल पर किसानों के धरने पर पहुंचे. धरनास्थल पर पहुंचे ओपी चौटाला को फजीहत का सामना करना पड़ा. मंच के सामने चौटाला को बैठने के लिए कुर्सी दी गई. संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने उनका जोरदार स्वागत भी किया, लेकिन किसानों को राम-राम करने के लिए उन्हें माइक नहीं दिया. इससे काफी देर तक माहौल गर्म बना रहा और नाराज चौटाला बिना बोले ही लौट गए.बता दें कि ओपी चौटाला कुछ देर तक माइक के इंतजार में खड़े भी रहे. ओपी चौटाला को उनके पोते कर्ण चौटाला ने कुछ देर तक मंच पर सहारा देकर खड़े रखा, लेकिन किसानों ने उन्हें संबोधित नहीं करने दिया. कुछ किसानों ने संबोधन के पक्ष में आवाज उठाई तो असमंजस की स्थिति बन गई. आधे घंटे तक टोल पर यह ड्रामा चलता रहा. संबोधन न करने से ओपी चौटाला नाराज दिखे. वहीं किसानों का कहना है कि किसी भी राजनेता को मंच से संबोधित नहीं करने दिया जाएगा.
पहले से तय था कार्यक्रम
दरअसल, चौटाला का खटकड़ टोल पर कार्यक्रम एक सप्ताह पहले ही तय हो गया था. संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों कैप्टन भूपेंदर व सतबीर बरसोला ने बताया कि उन्होंने पहले ही इनेलो के स्थानीय नेताओं को अवगत करा दिया था कि अब तक किसी भी राजनीतिक दल के नेता को यहां मंच साझा नहीं करने दिया गया है. चौटाला साहब को भी मंच व माइक साझा नहीं करने दिया जाएगा.
नहीं दिया गया माइक
किसान नेताओं का कहना था कि बावजूद इसके ओम प्रकाश चौटाला जब मंच के सामने पहुंचे तो उन्होंने पंडाल में सामने बैठी मातृशक्ति और किसानों को राम-राम करने के लिए माइक मांगा. इनेलो नेताओं ने भी संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं से माइक की डिमांड की, लेकिन उन्हें माइक नहीं दिया गया.