26 जून को इस आंदोलन के दिल्ली में शुरू हुए सात महीने का वक्त हो जाएगा। शनिवार को किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर राजभवनों के बाहर प्रदर्शन करेंगे और राज्यपालों के जरिये राष्ट्रपति तक रोष-पत्र पहुंचाएंगे। आंदोलन की इस रणनीति के बारे में जानकारी देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने बताया, किसान आंदोलन अब नए चरण में प्रवेश कर रहा है। इसी कड़ी में पूरे देश के किसान एकजुट होकर विभिन्न राज्यों के राज्यपालों के जरिये 26 जून को राष्ट्रपति को रोष-पत्र भेजकर तीन कृषि कानून रद्द करने व न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून बनाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएसपी गारंटी कानून बनाने की बात कही थी, लेकिन अब वे स्वयं इससे दूर भाग रहे हैं। आज लोकतंत्र की हत्या हो रही है तथा भाजपा ने सामान्य काल में ही आपातकाल जैसे हालात बना दिए हैं। देश में हर तरफ बंदिशों का दौर जारी है तथा जनता को महंगाई के जरिये कुचला जा रहा है। किसान आंदोलन पर आईएसआई की नजर: इस बीच, भारतीय खुफिया एजेंसियां किसान आंदोलन को लेकर सुरक्षा अलर्ट जारी कर चुकी हैं। खुफिया एजेंसियों का साफ कहना है कि किसान आंदोलन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की नजर है और उसकी साजिश देश में हिंसा फैलाने की है।
दिल्ली मेट्रो अपडेट: जानिए कौन-कौन से स्टेशन रहेंगे बंद
किसान आंदोलन का असर दिल्ली की मेट्रो सेवाओं पर पड़ा है। कानून-व्यवस्था की स्थिति में किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने तीन मेट्रो स्टेशनों को सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक बंद रखने का फैसला किया है। ये स्टेशन हैं- विश्वविद्यालय, सिविल लाइंस और विधानसभा। जो मेट्रो चल रही हैं, वहीं भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम