हफ्ते के पहले दिन सोमवार को सोने की कीमत में गिरावट देखने को मिली, जानिए अब कितना रह गया है भाव।

Parmod Kumar

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हफ्ते के पहले दिन सोमवार को सोने की कीमत  में गिरावट देखने को मिल रही है। MCX पर अगस्त डिलीवरी वाला सोना आज 30 रुपये की तेजी के साथ खुला और दिन चढ़ने के साथ इसमें गिरावट आई। दोपहर साढ़े 12 बजे यह 173 रुपये की गिरावट के साथ 47880 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर ट्रेड कर रहा था। सुबह के सत्र में इसने 48,170 रुपये का उच्चतम और 47,870 रुपये का न्यूनतम स्तर छू लिया। दूसरी ओर चांदी की कीमत में भी गिरावट देखी जा रही है। सितंबर डिलीवरी वाली चांदी 622 रुपये की गिरावट के साथ 67697 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रही थी।गुजरे सप्ताह में भी सोना (Gold) और चांदी (Silver) उतार चढ़ाव से जूझते रहे। सोने के हाजिर भाव (Spot Gold Price) में कभी तेजी तो कभी गिरावट दिखी। दोनों बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में उतार चढ़ाव में घरेलू बाजार के कारकों और वैश्विक बाजार के कारकों का योगदान रहा। पूरे सप्ताह के उतार चढ़ाव का आकलन करने पर सामने आया कि आखिर में सोने में उछाल और चांदी में गिरावट का रुख रहा।
वैश्विक बाजार में कीमतें
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत गिरावट के साथ 1,823 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रही थी। वहीं चांदी की कीमत 26.13 डॉलर प्रति औंस पर लगभग फ्लैट थी। सोने और चांदी की वैश्विक कीमतों का असर, घरेलू बाजार में इन बहुमूल्य धातुओं की कीमतों पर भी पड़ता है। शुक्रवार को ओपनिंग ट्रेड में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तीन पैसे चढ़कर 74.51 के स्तर पर पहुंच गया। शाम को डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर तीन पैसे की गिरावट दर्शाती हुई 74.57 पर बंद हुई। देश में कोरोना का क्रमण के दूसरे चरण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद अब धीरे-धीरे ज्वेलरी कारोबार पटरी पर आ रहा है। वास्तव में शादियों में लोगों की संख्या कम रहने और लोगों की जेब पर असर पड़ने की वजह से ज्वेलरी कारोबार में अब वैसी रौनक नहीं दिख रही है। कारोबारियों का कहना है कि गोल्ड खरीदने वाले ग्राहकों का सेंटीमेंट धीरे-धीरे सुधर रहा है। बहुत से लोग अब गणेश के गोल्ड पेंडेंट, डायमंड वेडिंग बैंड और डायमंड वेडिंग रिंग के साथ पोल्की रिंग आदि खरीद रहे हैं, लेकिन गोल्ड ज्वेलरी का कारोबार साल 2019 के लेवल तक नहीं पहुंच पाया है। कारोबारियों को उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में गोल्ड ज्वेलरी कारोबार में रौनक लौट सकती है। अगर बात 2020-21 की आखिरी तिमाही की करें तो भारत में सोने की खपत में 37 फ़ीसदी की तेजी दर्ज की गई और यह 140 टन पर पहुंच गया। पहले लॉकडाउन से ठीक पहले की अवधि से यह तुलना की गई है। गोल्ड ज्वेलरी का कारोबार करने वाले बहुत से कारोबारी हालांकि इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। उनका मानना है कि कोरोना के दूसरे चरण के संक्रमण के बाद कारोबार ठप हो चुका है। उनका कहना है कि अगर सोने के भाव में तेजी आती है तो गोल्ड ज्वेलरी बिज़नेस की रिकवरी पर असर पड़ सकता है।
गोल्ड ज्वेलरी के लिए EMI स्कीम

सोने के भाव में तेज उतार-चढ़ाव की वजह से ग्राहकों के सेंटीमेंट पर असर पड़ा है। कोरोना संक्रमण के दौर में देश में बहुत से लोगों की आमदनी घटी है और इस वजह से भी सोने की खरीदारी पर असर पड़ा है। सोने के भाव में उतार-चढ़ाव की वजह से कई ज्वेलर्स ने अब नई इंस्टॉलमेंट (EMI) स्कीम शुरू कर दी है। ज्वेलर्स की इस स्कीम में गोल्ड खरीदारी के लिए एक बार भाव तय हो जाने के बाद ग्राहकों को सोने के भाव में उतार-चढ़ाव की वजह से कोई परेशानी नहीं आएगी। बहुत से ज्वेलरी कारोबारी कारोबार में सुधार को लेकर आशावादी हैं। ज्वेलरी कारोबारियों का कहना है कि गोल्ड ज्वेलरी की मांग में धीरे-धीरे सुधार दर्ज किया जा रहा है। अब लोग वेडिंग रिंग, एनिवर्सरी और बर्थडे गिफ्ट, नए बच्चे के लिए गिफ्ट आदि की खरीदारी कर रहे हैं। लोगों ने गोल्ड ज्वेलरी डायमंड और जेमस्टोन में फिर से निवेश करना शुरू कर दिया है। भारत में जनवरी से मार्च की अवधि में शादियां बहुत होती है, लेकिन इसी समय कोरोना के दूसरे चरण के संक्रमण की वजह से जल्दी कारोबार पर असर पड़ा था जिसमें अब धीरे-धीरे रिकवरी शुरू हो रही है।