अगर आप पारंपरिक फसलों से हटकर किसी नकदी फसल की खेती करना चाहते हैं तो स्टीविया एक शानदार विकल्प है। इस औषधीय पौधें के साथ सबसे अच्छी बात है कि इसमें रोग बिल्कुल भी नहीं लगते और रासायनिक खाद की जरूरत नहीं पड़ी। किसान भाई इसकी एक एकड़ में खेती कर 6 लाख रुपए तक कमा सकते हैं और एक बार फसल लगाने पर आप लागातर 5 साल तक स्टीविया से पैदावार हासिल कर सकते हैं।
औषधीय पौधा स्टीविया 60 से 70 सेंटी मीटर बड़ा होता है. इसकी पत्तियां चीनी से भी 25 से 30 गुना मीठी होती हैं. इसकी उपयोगिता इसमें पाए जाने वाले मीठास के कारण होती है. यह न केवल सामान्य शक्कर से ज्यादा मीठी होती है बल्कि ये पूरी तरह कैलोरी रहित भी है.
स्टीविया की खेती के लिए जरूरी बातें
इस औषधीय पौधे की खेती करने के लिए 20 से 25 टन गोबर की सड़ी खाद या केचुआ खाद 7 से 8 टन प्रति एकड़ दी जानी चाहिए. इसका रोपण कलमों से किया जाता है. इसके लिए 15 सेंटी मीटर लंबी कलमों को काटकर पॉलीथिन की थैलियों में तैयार कर लिया जाता है. जून और दिसंबर को छोड़कर बाकी के बचे दसों महीने में किसान भाई इसकी बुवाई कर सकते हैं. एक बार फसल की बुवाई के बाद साल में हर तीन महीने पर पैदावार हासिल कर सकते हैं.
एक एकड़ खेत में स्टीविया के कम से कम 40 हजार पौधे लगते हैं. इसमें लगभग 1 लाख रुपए का खर्च आता है. एक पौधे से एक बार में 120 से 140 रुपए तक कमाई आसानी से हो जाती है. इसके साथ अच्छी बात यह है कि प्रत्येक कटाई के बाद उपज में बढ़ोतरी होती जाती है. पहले वर्षा में औसतन 2 से 2.5 टन प्रति हेक्टेयर उत्पादन होता है. बाद के वर्षों में उत्पादन बढ़कर 4 से 5 टन प्रति हेक्टेयर तक पहुंच जाता है.
गर्मी के मौसम में पड़ती है बार-बार सिंचाई की जरूरत
स्टीविया की सूखी पत्तियों का प्रति वर्ष उत्पादन एक हेक्टेयर में 3.5 टन तक है. फिलहाल बाजार में स्टीविया के पत्तियों का रेट 100 से 120 रुपए प्रति किलो है. स्टीविया की खेती कर रहे किसानों को सलाह दी जाती है कि रोपण के तुरंत बाद सिंचाई कर दें. इसके बाद पौधों की स्थापना तक तीन से पांच दिन के अंतराल के बाद सिंचाई जरूरी है. इसके बाद मॉनसून की शुरुआत तक सप्ताह में एक बार सिंचाई कर सकते हैं. गर्मी के मौसम में मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए बार-बार सिंचाई की जरूरत पड़ती है.