जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उन्हें बीमारियां आसानी से पकड़ लेती हैं। क्योंकि उनकी इम्यूनिटी पावर कम होती है, जिसकी वजह से हानिकारक माइक्रोब्स सेल्स को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। इसे बढ़ाने के लिए कुछ फूड्स खाने की सलाह दी जाती है।
क्या आपको एक के बाद बीमारी पकड़ती रहती है? कुछ लोगों को हमेशा यह शिकायत रहती है कि एक बीमारी ठीक नहीं होती, दूसरी उन्हें पकड़ लेती है। अक्सर बच्चों में ऐसा ज्यादा देखा जाता है। इसके पीछे आपके इम्यून सिस्टम की कमजोरी हो सकती है। बीमारियों से दूर रहने के लिए इसकी इम्यूनिटी पावर का स्ट्रॉन्ग रहना जरूरी है।
इम्यूनिटी का मतलब क्या है? सामान्य जुकाम से लेकर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचाने और लड़ने में इम्यूनिटी काम करती है। इम्यून सिस्टम बीमारी व इंफेक्शन से लड़ने वाली सेल्स को बैक्टीरिया, वायरस, फंगस आदि से लड़ने के लिए भेजता है। अगर इम्यूनिटी मजबूत है तो आप जल्दी ही ठीक हो जाते हैं और जिनकी यह कमजोर होती है उन्हें ठीक होने में देर लगती है। एक के बाद एक या एकसाथ कई बीमारी उन्हें जकड़ लेती हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कुछ सप्लीमेंट्स और दवाएं मदद करती हैं। मगर डॉक्टर इनसे ज्यादा नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर को डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं। यह शरीर के नेचुरल डिफेंस सिस्टम को ताकतवर बनाते हैं !
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए कुछ विटामिन और मिनरल को आवश्यक बताया है। इसमें विटामिन ए भी शामिल है, जो इम्यून सिस्टम की टी और बी सेल्स को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसे गाजर और हरी पत्तेदार सब्जियां खाकर प्राप्त कर सकते हैं।
विटामिन सी के अंदर एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीवायरल फंक्शन होते हैं। यह बी सेल्स और टी सेल्स को प्रभावशाली बनाए रखने में मदद करते हैं। खट्ठे फल और टमाटर के अंदर इसकी भरमार होती है। इनका सेवन इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए किया जाता है।
धूप में रहने से स्किन विटामिन डी बनाती है, मगर इसे डाइट से भी ले सकते हैं। यह विटामिन इम्यून सेल्स की संख्या बढ़ाने में मदद करता है और उसे मजबूत बनाता है। फैटी फिश और अंडे के योल्क को इसका सबसे बढ़िया सोर्स माना जाता है।
इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी चौथा विटामिन ई है। यह इम्यून सिस्टम के फंक्शन को बढ़ाने के लिए जरूरी माना जाता है। इससे शरीर में एंटीबॉडी और नेचुरल किलर सेल्स एक्टिविटी सुधरती है। यह पोषक तत्व नट्स और सीड्स के अंदर काफी ज्यादा होता है।