किसान आंदोलन का एक साल पूरा होनेवाला है, इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा इस आंदोलन में नई जान फूंकने की कोशिश करेगा।

Parmod Kumar

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साल 2020 में संसद में पास किये गये तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के फिर से जोर पकड़ने की संभावना बन रही है। किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर पर मंगलवार को एक बैठक की और उसमें तय किया कि किसानों के संघर्ष के एक साल पूरे होने पर 26 नवंबर और उसके बाद दिल्ली की सीमा पर और पूरे देश में आंदोलन को तेज किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यूपी, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचेंगे। किसान संगठन ने संसद सत्र के दौरान दिल्ली कूच का ऐलान किया है। किसानों ने कहा है कि संसद सत्र के दौरान हर दिन 500 किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर सवार होकर दिल्ली में प्रवेश करेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया है कि 29 नवंबर से संसद के अंतिम दिन तक 500 किसान स्वयंसेवक हर दिन दिल्ली के लिए रवाना होंगे। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने साफ कर दिया है कि इन्हें दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। किसान संगठन ने यह भी कहा कि ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा और जहां पुलि्स रोकेगी, किसान वहीं धरने पर बैठ जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने साथ ही यह भी कहा है कि ट्रैक्टर ट्रॉली पर जो किसान दिल्ली जायेंगे, वे शांतिपूर्वक जायेंगे और अनुशासन के पालन करेंगे।