हरियाणा में ऑनलाइन ठगी का धंधा करने वाले चार शातिर आरोपियों को हिसार से कैथल साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी पहले साइट पर विज्ञापन देकर व्हाट्सएप से आवेदन मंगवाते थे। फिर लोगों से पैसे जमा करवाकर फोन को बंद कर लेते थे। पुलिस के अनुसार पूछताछ में धरे गए आरोपियों ने ठगी की वारदातों को स्वीकार किया है। डीएसपी विवेक चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण देने के नाम पर एक युवक से दो लाख 39 हजार 596 रुपये ठगने वाले आरोपी जींद जिला के सुलेहड़ा निवासी अमित उर्फ मितू और राहुल, कैथल जिला के गांव बालू निवासी गीता राम उर्फ अनूप तथा भिवानी के गांव नलोई सिवानी निवासी रमेश उर्फ टुनका को हिसार से गिरफ्तार किया गया है। शातिर आरोपी हिसार में बैठकर नकली साइट चलाकर ऑनलाइन ठगी का धंधा कर रहे थे। पुलिस ने चलाई जा रही नकली साइट और मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर चारों आरोपियों को काबू किया है।उन्होंने बताया कि पुुलिस ने 18 जुलाई को साइबर थाना में गढ़ी पाडला गांव निवासी दीपक की शिकायत पर केस दर्ज किया था। शिकायत में बताया गया था कि वह 12वीं पास है और रोजगार के लिए ऋण लेना चाहता था। उसने 29 जून को गूगल पर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना सर्च की। वहां उसे एक नंबर मिला। उसने उस नंबर पर फोन किया और ऋण लेने की बात की। ठग ने उसे कहा कि उसका ऋण पास हो जाएगा। उसके लिए पहले आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक की कॉपी भेजनी होगी। उसने सभी कागजात ठग के पास भेज दिए। कुछ देर बाद ठग ने कहा कि उसका डेढ़ लाख रुपये का ऋण मंजूर हो गया है। फाइल चार्ज के नाम पर 2100 रुपये खाते में भेज दो। उसने पैसे भेज दिए तो उसके बाद आरोपी ने 7726 रुपये इंश्योरेंस के नाम पर ले लिए। यही नहीं अलग-अलग तरीकों से शातिरों ने दो लाख 31 हजार 596 रुपये ठग लिए। इसके बाद भी उसे न तो ऋण की कोई राशि मिली और न ही ठग का नंबर मिल रहा है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने बहन और दोस्तों से लेकर उक्त राशि जमा कराई थी। जांच अधिकारी एसआई सुभ्रांशु ने बताया कि दीपक की शिकायत पर साइबर थाने में केस दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।