OP Chautala Death किसके सिर बंधेगी चौटाला की पगड़ी, कौन बनेगा पारिवारिक मुखिया Abhay या Ajay?
चौटाला परिवार में मुखिया की पगड़ी पर सस्पेंस, कौन होगा उत्तराधिकारी?
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला का निधन 20 दिसंबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में हुआ। उनके निधन को 11 दिन हो चुके हैं। 22 दिसंबर को तेजा खेड़ा स्थित उनके फार्म हाउस में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ। चौटाला साहब के दोनों पुत्र अजय और अभय ने एक साथ चिता को मुखाग्नि दी, और पूरा परिवार एकजुट नजर आया।
चौटाला परिवार में पगड़ी रस्म पर सवाल
31 दिसंबर को चौटाला साहब की शोक सभा आयोजित की जाएगी। इस सभा के समापन पर पारंपरिक पगड़ी रस्म भी होगी। यह रस्म इस सवाल को जन्म दे रही है कि चौटाला परिवार का मुखिया अब कौन बनेगा? क्या बड़े बेटे अजय चौटाला को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, या फिर छोटे बेटे अभय चौटाला, जिन्होंने पिता के साथ अंतिम समय तक पुत्र धर्म निभाया, यह विरासत संभालेंगे?
क्या कहते हैं परंपरा और परिस्थितियां?
परंपरागत रूप से परिवार का मुखिया बनने की पगड़ी बड़े बेटे के सिर पर बांधी जाती है। लेकिन पारिवारिक विवाद, हालात और भावनाओं के चलते यह निर्णय बदल भी सकता है।
छह साल पहले चौटाला परिवार में राजनीतिक विघटन हुआ। अजय चौटाला ने अलग पार्टी बनाई, जिसके बाद दोनों भाइयों के बीच दूरी इतनी बढ़ गई कि एक-दूसरे के पारिवारिक आयोजनों में भी शामिल नहीं हुए। हालांकि, चौधरी देवीलाल और ओम प्रकाश चौटाला से जुड़े समर्थक अब भी परिवार के एकजुट होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
अभय को सौंपा गया था राजनीतिक उत्तराधिकार
2018 में जब अजय चौटाला के परिवार को इनेलो से बाहर का रास्ता दिखाया गया, तब से अभय चौटाला ने हर जगह अपने पिता का साथ दिया। एक रैली में ओम प्रकाश चौटाला ने मंच से घोषणा की थी कि वे इनेलो की कमान अभय चौटाला को सौंप रहे हैं। उन्होंने समर्थकों से अपील की थी, “अभय के हाथ मजबूत करो और इसे कामयाब बनाओ। मेरा आशीर्वाद हमेशा इसके साथ है।”
विज्ञापन ने बढ़ाई अटकलें
आज के समाचार पत्रों में प्रकाशित एक विज्ञापन ने इस सस्पेंस को और बढ़ा दिया है। इसमें शोकाकुल परिवार की ओर से निवेदक के रूप में केवल चौधरी अभय सिंह चौटाला का नाम लिखा गया है। यह संकेत देता है कि परिवार के मुखिया की जिम्मेदारी अभय को सौंपी जा सकती है।
परिवार में एकता की उम्मीद
परिवार के भीतर चल रहे इस विवाद के बावजूद, समर्थक और शुभचिंतक परिवार के फिर से एक होने की कामना कर रहे हैं। क्या चौटाला परिवार में यह खाई भर पाएगी, या यह विवाद और गहराएगा? इस सवाल का जवाब शोक सभा और पगड़ी रस्म के बाद साफ हो सकेगा।