जहरीली शराब से मौत मामले में एसआईटी बनाने पर विपक्ष ने उठाया सवाल, जस्टिस से जांच की मांग

lalita soni

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इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने जहरीली शराब से यमुनानगर और अंबाला में हुई 22 लोगों की मौत पर कहा कि इसकी जिम्मेदारी भाजपा सरकार है।

Opposition raised questions on forming SIT in case of death due to poisonous liquor
यमुनानगर में जहरीली शराब पीने से 22 लोगों की मौत के मामले में हरियाणा सरकार द्वारा एसआईटी गठित करने पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस और इनेलो ने कहा है कि पहले के मामलों में गठित एसआईटी की रिपोर्टों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज से कराई जाए, ताकि शराब माफिया के लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए।
हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है कि एसआईटी बनाकर जांच कराने का ढोंग किया जा रहा है। प्रदेश सरकार जहरीली शराब प्रकरण की तह तक जाना चाहती है तो उसे बिना देरी किए लगातार हुई मौतों की जांच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस से करानी चाहिए। सैलजा ने कहा कि साल 2020 में सोनीपत, पानीपत व फरीदाबाद में 40 से अधिक लोगों की जहरीली शराब के कारण जान चली गई थी। उस समय भी जांच के नाम पर इसी तरह से एसआईटी बनाने का स्वांग रचा गया।जहरीली शराब से हुई 22 लोगों की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार : अभय चौटाला
इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने जहरीली शराब से यमुनानगर और अंबाला में हुई 22 लोगों की मौत पर कहा कि इसकी जिम्मेदारी भाजपा सरकार है। कोई भी काला धंधा और घोटाला बगैर सरकारी संरक्षण के नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस जहरीली शराब से हुई मौतों पर घड़ियाली आंसू बहा कर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है, उसी के लोग ऐसे काले धंधों में भाजपा के लोगों के साथ मिलकर प्रदेश को लूटने में लगे हैं।

अभय चौटाला ने कहा कि कोविड महामारी के समय में बहुत बड़ा शराब घोटाला सामने आया था, पूरे घोटाले की जांच को एसआईटी को देकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। उसके बाद गोहाना और पानीपत में जहरीली शराब से 45 से ऊपर लोगों की मौत का मामला सामने आया जिनके असली दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

उन्होंने जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट 1952 के तहत हाई कोर्ट के सीटिंग जज द्वारा करवाने और साथ ही हर मामले में पूरी तरह से फेल भाजपा-जजपा सरकार को तुरंत भंग करने की मांग की। साथ ही मृतकों के परिवारों को 50 लाख रुपये मुआवजे की भी मांग की है।